“झामुमो की नैतिकता पर उठे सवाल, विधायक प्रतिनिधि ने 2021 के अनशन का दिलाया हवाला
मेराल प्रखंड के विधायक प्रतिनिधि डॉ लाल मोहन ने झामुमो पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि झामुमो के लोग चुनावी हार को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। और झामुमो के गढ़वा जिले के वरिष्ठ नेता एवं मेराल प्रखंड के कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है, जिसमें मेराल निवासी योगेश्वर राम अपनी समस्या लेकर डूमरी विधायक जयराम महतो के पास पहुँचे हैं। वीडियो के साथ ही जेएमएम कार्यकर्ता यह कैप्शन चिपका रहे हैं कि गढ़वा विधायक के निकम्मे रवैये के कारण गढ़वा की जनता अपनी समस्या लेकर जयराम महतो के पास जा रही है।गढ़वा विधायक को जनता और जनसमस्याओं से कोई मतलब नहीं है। इस पर कड़ा हमला करते हुए विधायक प्रतिनिधि ने कहा कि
ज़रा पीछे लौटकर देखें तो हकीकत कुछ और ही है। यही योगेश्वर राम 2021 में गढ़वा के मेराल अंचल में अपनी ज़मीन बचाने के लिए परिवार के साथ अनशन पर बैठे थे। उस समय गढ़वा से जेएमएम के ही विधायक सह मंत्री थे। योगेश्वर राम न्याय के लिए दौड़-भाग करते रहे, गुहार लगाते रहे, लेकिन सत्ता में बैठे लोग तकरीबन खामोश रहे। गरीबी के मारे उनके पास भूख हड़ताल के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था। स्थिति इतनी गंभीर हुई कि झामुमो के ही मंत्री मिथिलेश ठाकुर को अपने प्रखंड कमेटी के माध्यम से हस्तक्षेप कराना पड़ा।और अंचलाधिकारी मौके पर पहुँचे और अपने हाथों से जूस पिलाकर योगेश्वर राम का अनशन तुड़वाया। उस समय भरोसा दिया गया कि न्याय ज़रूर मिलेगा। उन्होंने कहा की आखिर उस न्याय का क्या हुआ अभी तक। विधायक प्रतिनिधि झामुमो के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि
आज वही जेएमएम कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर नैतिकता का पाठ पढ़ाते नज़र आ रहे हैं और यह ड्रामा कर रहे हैं कि गढ़वा की जनता अपनी समस्या सीधे जेएमएम नेताओं के पास रखे।
जबकि सच यह है कि जमीन माफिया को प्रश्रय देने की बात खुद जेएमएम के मंत्री और मुख्यमंत्री मंच से स्वीकार कर चुके हैं। मंत्री इरफान अंसारी ने कहा था कि जमीन माफिया को सीओ संरक्षण दे रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने माना था कि बीडीओ और सीओ कार्यालय दलालों का अड्डा बन चुका है।उन्होंने कहा कि जब मंत्री और मुख्यमंत्री की बात तक अधिकारी नहीं सुन रहे, तो विपक्ष का विधायक क्या कर सकता है? आखिरकार कार्रवाई तो सत्ता में बैठे लोग ही कर सकते हैं।
असल में गढ़वा के जेएमएम कार्यकर्ता अपनी हार से उपजी कुंठा में उल्टे-सीधे आरोप मढ़कर जनता को गुमराह करने में लगे हैं। वे यह भूल जाते हैं कि बार-बार ऐसे ड्रामों से उनकी विश्वसनीयता ही कम होती जा रही है।
खैर, जनता अब यह जानना चाह रही है कि 2021 की तरह 2025 में भी क्या जेएमएम केवल हवा बनाने और शोरबाजी करने में व्यस्त रहेगा? या वास्तव में योगेश्वर राम जी जैसे गरीबों की समस्या का स्थायी समाधान करेगा।

