मनुष्यों के साथ चमगादड़ों की बड़ी संख्या में हीटवेव से मौत गंभीर चिंता का विषय:– शत्रुघ्न कुमार शत्रु

मनुष्यों के साथ चमगादड़ों की बड़ी संख्या में हीटवेव से मौत गंभीर चिंता का विषय: शत्रुघ्न कुमार शत्रु
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1 जून 2024(मेदिनीनगर)
झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने आज मेदिनीनगर के पटेल नगर स्थित आवास पर प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा है कि जलवायु परिवर्तन के इस दौर में मनुष्यों समेत स्तनधारी प्राणी चमगादड़ों की बड़ी संख्या में हीटवेव से मौत गंभीर चिंता का विषय है।इस पर समय रहते अगर वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग ने ठोस कदम नहीं उठाया तो धरती पर मानव अस्तित्व का बचना मुश्किल हो जाएगा।
प्रेस को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में पारिस्थितिकीय असंतुलन,बढ़ते वैश्विक तापमान, अनावृष्टि व अतिवृष्टि समेत बढ़ते प्राकृतिक आपदाओं के लिए भ्रष्ट सत्ताधारी राजनेता व नौकरशाह सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं।पलामू जैसे जिले का उदाहरण देते हुए जेकेएम अध्यक्ष ने कहा कि आइएएस/आइपीएस से लेकर कर्मचारियों तक का गिरोह सत्ताधारी राज्य व केंद्र के नेताओं के सहयोग से बालू,पत्थर,जल,जंगल, जमीन,मिट्टी व खान माफियाओं से मिलकर पलामू को खंडहर बनाने के मिशन पर कार्य कर रहा है। कमोवेश ऐसी स्थिति पूरे देश के जिलों में व्याप्त है।
प्रेस को सम्बोधित करते हुए झारखण्ड क्रांति मंच के केन्द्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पलामू के एक पूर्व उपायुक्त ने अपनी सास के नाम खनन लीज पट्टा जारी कर शोहरत बटोरने का कार्य किया था। पलामू में पदस्थापित रह चुके ऐसे कई अधिकारियों के निकटस्थ सहयोगियों व रिश्तेदारों के नाम जारी खनन पट्टों की सीबीआई जांच भी होनी चाहिए।
वार्ता को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पलामू में नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल के मानकों का गंभीर उल्लंघन कर पत्थर व मिट्टी माफियाओं द्वारा पहाड़ों व जमीनों को भयावह स्तर तक खोदने के कारण भूगर्भ जलस्तर में भारी गिरावट से ना केवल गंभीरतम पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है, बल्कि तापमान में भारी वृद्धि से आम लोगों का जिंदा रहना मुश्किल हो गया है।वैसे लोग जिनकी औकात एसी,कूलर व बोतलबंद ठंढा पानी खरीदने की नहीं है, उन्हें मरने से कोई भगवान भी नहीं बचा सकते हैं।
प्रेस वार्ता के अंत में उन्होंने कहा कि पर्यावरण माफियाओं के पैसों से पलामू में सांसद/विधायक बनाने का खेल वर्षों से जारी है।यही कारण है कि इस धरती के गद्दार सांसद व विधायक समेत कुछ बिकाऊ मीडिया के घराने कभी भी ऐसे मसलों पर अपनी आवाज बुलंद नहीं करते हैं।अगर अभी भी पर्यावरण की इमानदारी से रक्षा करनी है तो वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग को गांव स्तर पर पीपल,नीम,बरगद जैसे वृक्षों के रोपन को युद्धस्तर पर लगवाने समेत बेवजह खनन लीज पट्टों को रद्द करने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने पापुआ न्यू गिनी,मिजोरम, मणिपुर समेत बिहार/झारखण्ड में भू-स्खलन, अतिवृष्टि व हीटवेव से मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए उनकी आत्मा की शांति हेतु कुदरत से प्रार्थना किया है।