रेवारातु में पत्थर माफिया के खिलाफ ग्रामीणों का हाई वोल्टेज विरोध, प्रशासन को लेना पड़ा यू-टर्न
रेवारातु पंचायत में पत्थर माफिया के खिलाफ ग्रामीणों का हाई वोल्टेज ड्रामा: कल पट्टाधारियों ने पुलिस-प्रशासन को लौटाया, आज DC के आदेश पर अंचल अधिकारी ने लिया जनता का साथ
पलामू, 20 सितंबर 2025 (विशेष संवाददाता): सतबरवा प्रखंड के रेवारातु पंचायत क्षेत्र में पत्थर माफिया के खिलाफ जल-जंगल-जमीन बचाओ आंदोलन ने नया मोड़ ले लिया है। कल पट्टाधारियों के विरोध के आगे पुलिस और प्रशासनिक टीम बैरंग लौट गई थी, लेकिन आज पलामू उपायुक्त के सख्त निर्देश पर सतबरवा अंचल अधिकारी किरीषन मुरारी तिर्की के नेतृत्व में राजस्व कर्मचारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों का खुला समर्थन किया। ग्रामीणों ने साफ लहजे में कहा, “खनन किसी भी सूरत में नहीं होने देंगे। हम जान दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं।”
आंदोलन का बैकग्राउंड: फर्जी साइन और पहाड़ की रक्षा
रेवारातु पंचायत के ग्रामीण लंबे समय से पत्थर खनन लीज के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि लीज एग्रीमेंट में साइन वाले दस्तावेज फर्जी हैं। पंचायत क्षेत्र में फैले पूरे पहाड़ पर घने जंगल हैं, जहां पेड़-पौधों की भरमार है। ग्रामीणों का कहना है कि इसकी आसानी से जांच की जा सकती है। “यह हमारी जमीन है, हमारा जंगल है। माफिया यहां पत्थर निकालकर पर्यावरण को तबाह कर देंगे,” एक ग्रामीण ने बताया। ठेकेदार की धमकियों से भी वे बेपरवाह हैं।
प्रशासन का टर्निंग पॉइंट: DC के हस्तक्षेप से ग्रामीणों को मिला न्याय
कल की घटना के बाद ग्रामीणों की एकजुटता ने प्रशासन को झुकने पर मजबूर कर दिया। आज अंचल अधिकारी तिर्की और उनकी टीम ने मौके का जायजा लिया तथा ग्रामीणों के पक्ष में खड़े हो गए। उन्होंने खनन प्रक्रिया पर रोक लगाने का आश्वासन दिया और फर्जी दस्तावेजों की जांच की बात कही। यह कदम पलामू जिले में पर्यावरण संरक्षण के लिए एक सकारात्मक संदेश है, जहां आदिवासी और ग्रामीण समुदाय अपनी संसाधनों की रक्षा के लिए संघर्षरत हैं।
आगे की रणनीति: मंगलवार को DC को ज्ञापन, आंदोलन तेज
ग्रामीणों ने तय किया है कि मंगलवार को पलामू उपायुक्त को एक और ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें खनन लीज रद्द करने और फर्जी दस्तावेजों की सीबीआई जांच की मांग की जाएगी। आंदोलन को और मजबूत बनाने के लिए स्थानीय सामाजिक संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है। ग्रामीणों का संकल्प है- “ठेकेदार की धमकी से नहीं डरेंगे, जल-जंगल-जमीन की रक्षा हर हाल में करेंगे।”
प्रमुख उपस्थित लोग: एकजुटता का प्रतीक
मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता आशिष कुमार सिन्हा, अध्यक्ष शिवराज सिंह, भीम सिंह, राजा सिंह, प्यारी सिंह, एतवरिया कुंवर, नारायण सिंह, कमला कुंवर, फुलमतिया देवी, डब्ल्यू भुईयां, अशोक सिंह, सुबेदार मोची, अरविंद मोची, फुरसतिया देवी, मानमति कुंवर, निरवा देवी, डब्ल्यू कुमार, अनतु सिंह, रघु साव, उपेंद्र सिंह, सुदेश्वर सिंह, श्रवण सिंह सहित सैकड़ों ग्रामीण और कार्यकर्ता मौजूद थे। यह एकजुटता आंदोलन की ताकत को दर्शाती है।

