तीन सहेलियों ने ट्रेन से कटकर तीनों ने दे दी जान
मुजफ्फरपुर। तीन सहेलियों ने एक साथ ट्रेन से कटकर जान दे दी। तीनों 13 मई को एक साथ अपने घर से लापता हुई थी और फिर भागकर मथुरा पहुंच गयी थी। खबर आयी है कि तीनों ने ट्रेन से कटकर अपनी जान दी है। ट्रेन के चालक कह रहा है कि तीनों लड़कियाें ने एक-दूसरे का हाथ पकड़ रखा था। वे मथुरा जंक्शन की ओर से रेल ट्रैक पर आ रही थीं। ट्रेन करीब 60 किमी की रफ्तार से चल रही थी। तीनों लड़कियां बगल वाले ट्रैक पर चल रही थीं। 80-90 मीटर पहले तीनों लड़कियां अचानक मालगाड़ी वाले ट्रैक पर पहुंच गई। इस दाैरान ब्रेकलगाना मुश्किल हाे रहा था। चंद सेकेंड बाद तीनों लड़कियां ट्रेन से कट गईं।अखाड़ाघाट की रहने वाली माही 10वीं क्लास में पढ़ती थी। वह बहुत छोटी थी, तभी उसकी मा की मौत हो गयीथी। अपनी मां की मौत के बाद भी बात करने का दावा करने लगी। परिजनों का दावा है कि तीनों सहेलियां भक्ती में लीन रहती थी और एक बाबा का प्रवचन सुना करती थी। जनवरी से तीनाें ने मांस-मछली खाना छोड़ दिया था। शरीर नश्वर है। मृत्यु अमरत्व काे प्राप्त करता है। यही सब यूट्यूब पर देखती रहती थीं।हिमालय पर बाबा से मिलने की चिट्ठी लिखकर तीनों मथुरा पहुंच गई और तीन दिन पहले मथुरा में ही मालगाड़ी के सामने आकर तीनों ने अपनी जान दे दी। गौरी (14), माया (13) और बालूघाट की माही (13) एक साथ 13 मई से लापता थीं। माही के साथ कोचिंग में पढ़ रही योगियामठ इलाके की गौरी और माया भी माया की तरफ आध्यातम की तरफ चली गयी थी। तीनों एक साथ घर में चिट्ठी लिखकर गायब हो गयी। अब तीनों की मौत की खबर आ रही है।माही के घर से एक लेटर भी मिला, जिसमें लिखा है, जीवन में कुछ परेशानियां चल रही हैं। बाबा ने बुलाया है। इसके बाद सब ठीक हो जाएगा। तीन महीने तक हम लोगों की खोजबीन नहीं कीजिएगा। हम आध्यात्म की खोज में जा रहे हैं।मंगलवार काे तीनों छात्राओं के परिजनों के साथ मुजफ्फरपुर पुलिस ने मथुरा पहुंचकर डेड बॉडी की पहचान कराई। पहचान हाेने के बावजूद पुलिस ने डीएनए टेस्ट कराने का फैसला लिया है।
