पांकी के डंडार कला में भूमि का सीमांकन करने पहुंचे अंचलाधिकारी, ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन

पांकी के डंडार कला में भूमि का सीमांकन करने पहुंचे अंचलाधिकारी, ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन


पांकी प्रखंड के डंडार कला स्थित खाता संख्या 430 एवं प्लॉट संख्या 2315 का सीमांकन करने पहुंचे पांकी अंचलाधिकारी राजकुंवर सिंह को डंडार कला के सैकड़ो महिला पुरुष ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। प्राप्त जानकारी के अनुसार डंडार कला गांव के एनामुल मियां पिता करमुद्दीन मियां सहित अन्य लोगों के द्वारा लगभग 30 वर्ष पूर्व उक्त जमीन की खरीदारी की गई थी लेकिन पूर्व में भी भूमि के कब्जे को लेकर ग्रामीणों एवं खरीदार के बीच विवाद हुआ था, इसके बाद खरीददार एनामुल मियां पिता करमुद्दीन मियां ने न्यायालय में न्याय की गुहार लगाई थी फिलहाल न्यायालय द्वारा अंचलाधिकारी को भूमि का सीमांकन करने का निर्देश प्राप्त हुआ, उक्त निर्देश के आलोक में अंचलाधिकारी भूमि का सीमांकन करने पहुंचे जहां ग्रामीणों ने सीमांकन कार्य को लेकर पुरजोर विरोध प्रदर्शन किया, हालांकि पुलिस कर्मियों एवं अंचल कर्मियों के कड़ी मशक्कत के बाद भूमि पर सफेद चुना गिरकर चिन्हित किया गया।
मौके पर मौजूद ग्रामीण मोहम्मद इकबाल आलम, मोहम्मद जावेद अख्तर, निसार मोहम्मद, इस्लाम मियां, मोहम्मद हुसैन, समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि उक्त भूमि का वे वर्षों से सार्वजनिक कार्य करते रहे हैं यहां ताजिया अखाड़ा एवं बच्चों का खेल का मैदान है वे किसी सूरत में जमीन पर कब्जा नहीं होने देंगे उन्होंने उक्त गैर मंजरूआ भूमि की खरीद बिक्री को अवैध बताते हुए प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है उन्होंने बताया कि इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को लिखित ज्ञापन भी दिया गया है।
वहीं दूसरे पक्ष के एनामुल मियां एवं उनके पुत्र अफरोज अंसारी ने बताया कि लगभग 30 वर्ष पूर्व वे जमीन खरीदे हैं जमीन के सारे दस्तावेज उनके पास मौजूद है उनकी मर्जी के बगैर बावजूद ग्रामीण उसे सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं जो सरासर गलत है, पूर्व में भी कई बार विवाद हुआ है इसलिए उन्होंने उच्च न्यायालय में मदद की गुहार लगाई जिसके बाद सीमांकन का आदेश प्राप्त हुआ है।
इस संबंध में अंचलाधिकारी राजकुंवर सिंह ने बताया कि डंडार कला में खाता संख्या 430 एवं प्लॉट 2315 का कुल रकबा 71.5 डिसमिल भूमि को चिन्हित करते हुए सीमांकन कर लिया गया है इस दौरान ग्रामीण भी उपस्थित थे उनके द्वारा विरोध भी किया गया है।