झारखण्ड के भामाशाह रूपी बलिदानी नारायण साव का योगदान स्वाधीनता संग्राम में अतुल्य था

झारखण्ड के भामाशाह रूपी बलिदानी नारायण साव का योगदान स्वाधीनता संग्राम में अतुल्य था।

गढ़वा:–प्रथम भारतीय स्वाधीनता संग्राम की 168वीं वर्षगाँठ के पावन अवसर पर पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच नवादा,गढ़वा द्वारा बंधन मैरेज हॉल में ‘ तिलक करो इस मिट्टी से…’ नामक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
सर्वप्रथम भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अमर बलिदानी नीलांबर-पीतांबर, नारायण साव तथा भूखा साव हलवाई की जन्मस्थली क्रमशः चेमो-सनेया , रमकंडा तथा बड़गड़ से लायी गई पवित्र मिट्टी के कलश का पूजन किया गया। तत्पश्चात् अखंड भारत के मानचित्र पर 18 बजकर 57 मिनट पर 168 दीप एक साथ प्रज्वलित किए गए।
फिर पवित्र मिट्टी से सभी का तिलक किया गया।
विषय प्रवेश कराते हुए मंच के निदेशक नीरज श्रीधर ‘स्वर्गीय’ ने कहा कि पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच स्थापना काल से स्वाधीनता संग्राम के अमर सेनानियों को समर्पित विभिन्न प्रकार के आयोजन करता रहा है। उसी कड़ी में यह वार्षिक आयोजन भी है। अभी अमर बलिदानी नीलांबर – पीतांबर, नारायण साव तथा भूखा साव हलवाई की जन्मस्थली की पवित्र मिट्टी का कलश उपलब्ध है। अगले माह तक बलिदानी मंगल पांडेय, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई एवं बाबू कुँवर सिंह की जन्मस्थली की पवित्र मिट्टी भी उपलब्ध हो जाएगी। आप सभी के सहयोग एवं स्नेह से कला मंच निरन्तर ऐसे आयोजन करता रहेगा।
इस अवसर पर भारतीय थल सेना के नायब सूबेदार चंदन सिंह चंदेल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि भारत माता के वीर सपूतों के सम्मान में पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए।
समाजसेवी डॉक्टर पातंजलि कुमार केशरी ने कहा कि पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच द्वारा प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले ‘तिलक करो इस मिट्टी से…’ कार्यक्रम के माध्यम से प्रथम भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अमर बलिदानियों को जो सम्मान दिया जा रहा है वह अत्यंत सराहनीय है। अगली पीढ़ी को भी इससे अवगत कराने की आवश्यकता है।
संस्कार भारती गढ़वा जिला इकाई के संरक्षक जगतारण तिवारी ने कहा कि स्वातंत्र्य समर के अमर बलिदानियों एवं उनके परिजनों का सम्मान सभी करना ही चाहिए। क्योंकि अमर बलिदानियों के अतुल्य योगदान के कारण ही हम आज स्वतंत्र हैं।

प्रेम दीवाना व्यास ने कहा कि मैंने बहुत नाटक किया है। किन्तु पहली बार बलिदानी नीलांबर की भूमिका निभाने का सौभाग्य मुझे नीरज श्रीधर ‘स्वर्गीय’ के निर्देशन में मंचित नाटक ‘समर्पण’ में मिला।
डॉक्टर रंजीत कुमार ने कहा कि ‘तिलक करो इस मिट्टी से…’ आयोजन आज इसलिए भी प्रासंगिक हो जाता है कि इसके माध्यम से ही अगली पीढ़ी अपने अमर बलिदानियों के सुकृत्य से परिचित हो पाएगी।
जबकि डॉक्टर शंभू कुमार तिवारी ने कहा कि आज हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हमारा राष्ट्र हमारे प्रयासों से परम् वैभव को प्राप्त हो।
इनके अतिरिक्त राजीव रंजन तिवारी, जे.पी. रमण, अद्भुत प्रभात ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर तलवारबाजी और कराटे का प्रदर्शन झूलन कुमारी, सुप्रिया कुमारी, सौरभ कुमार तथा शाहीन परवीन ने किया।
जबकि आशीष दुबे अग्निवीर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
आयोजन को सफल बनाने में विजय सोनी, प्रदीप कुमार, मनोज संसाई, डॉक्टर शंभू कुमार तिवारी, पुरुषोत्तम सिंह चंदेल तथा आशीष दुबे अग्निवीर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस मौके पर आयोजन में कीर्ति ,श्रुति , जाह्नवी ,संतोष कुमार सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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