एनएच 75 के फ्लावर ओवर निर्माण कार्य के दौरान पिलर से गिर कर गंभीर रूप से घायल हुआ मजदूर, जीवन और मौत से जूझ रहा है
एनएच 75 के फ्लावर ओवर निर्माण कार्य के दौरान पिलर से गिर कर गंभीर रूप से घायल हुआ मजदूर, जीवन और मौत से जूझ रहा है
गंभीर चोट के कारण डाल्टनगंज के एक निजी अस्पताल में 24 घंटे से कोमा में हैं भर्ती
इससे पहले भी एक मजदूर की गई है जान, बिना सेफ्टी के 20 फीट ऊपर पिलर पर चल रहा था सेट्रिंग का काम
मेराल । भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत खजूरी से विंधमगंज एनएच 75 फोरलेन सड़क निर्माण कार्य के तहत मेराल थाना मुख्यालय में फ्लाईओवर निर्माण कार्य में पिलर नंबर 56 से गिरकर एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया, जो पिछले 24 घंटा से जीवन और मौत से जूझ रहा है। जानकारी के अनुसार घायल मजदूर मेराल थाना क्षेत्र के तेनार गांव निवासी सरजू प्रजापति का पुत्र उपेंद्र प्रजापति मंगलवार को पिलर नंबर 56 पर सेटरिंग लगाने का काम कर रहा था, इसी दौरान वह 20 फीट ऊपर पिलर से नीचे जमीन पर गिर गया। गंभीर रूप से घायल उपेंद्र को आनन फानन में मजदूरों द्वारा गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती किया गया है। जहां गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सक उसे रेफर कर दिए। जिसे डाल्टनगंज के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, खबर लिखे जाने तक उपेंद्र कोमा में ही था।
कारगर सेफ्टी किट नहीं रहने की वजह से हुआ हादसा : मजदूर
घटना के बाद फ्लाईओवर निर्माण कार्य में लगे दर्जनों मजदूरों ने काम को बंद कर दिया। दूसरे दिन बुधवार को सभी मजदूरों ने एक साथ मिलकर काम करा रहे एमजी सीपीएल कंस्ट्रक्शन कंपनी से कारगर सेफ्टी किट उपलब्ध कराने की मांग की। परंतु कंपनी के अधिकारियों ने कहा किट आने में चार-पांच दिन का समय लगेगा, तब तक पुराने किट पर ही काम कीजिए। इससे गुस्साए मजदूरों ने कहा कि बिना सेफ्टी किट के काम नहीं होगा। बाद में लोकल मजदूरों के जाने के बाद बाहर के पेटी कॉन्टैक्टर को दबाव देकर बाहरी मजदूरों से काम शुरू कर दिया गया। मजदूरों का कहना है कि कंपनी द्वारा बिना सेफ्टी के ही कार्य कराया जा रहा है जिसकी वजह से पूर्व में भी एक मजदूर की जान पिलर से सेटरिंग खोलने के दौरान हो गई थी।
सरकारी अधिकारी के उदासीनता से निर्माण कंपनी कर रही मनमानी : मजदूर
निर्माण कार्य में लगे मजदूरों तथा स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारी अधिकारियों के उदासीनता से निर्माण कंपनी मनमानी कार्य करा रहा है। लोगों ने कहा कि निर्माण कार्य के दौरान ना ही सड़क सेफ्टी का ख्याल रखा जाता है ना ही मजदूरों को कारगर सेफ्टी किट तथा पर्याप्त सुपरवाइजर दिया जाता है। फ्लाईओवर निर्माण कार्य में दर्जनों पेटी कॉन्टैक्टर के माध्यम से सैकड़ो मजदूरों को लगाया गया है। लोगों का कहना है कि एक पेटी ठेकेदार द्वारा कई पिलर में काम कराया जाता है जिस वजह से सभी पिलर पर सुपरवाइजर नहीं होते है। निर्माण कार्य के दौरान रोड सेफ्टी नहीं रहने से हाईवे पर भी लोग जान जोखिम में डालकर यात्रा करने पर मजबूर हैं। अगर सरकारी अधिकारी हमेशा फ्लाईओवर निर्माण कार्य का निरीक्षण करते तो कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा सभी नियमों का पालन करते हुए कार्य को कराया जाता जिससे जान माल की क्षति नहीं होती।
