शिष्य अमावस की अंधेरी रात है तो गुरु पूनम की चांद : अविनाश देव
मेदिनीनगर। आषाढ़ पूर्णिमा को महर्षि वेद व्यास का जन्मदिन है और हम सभी इस तिथि को गुरु पुर्णिमा के रूप में मनाते हैं। इन्होंने वेद व पुराण के रचना कर लोगों को ज्ञान देने का काम किया। अज्ञानता के अंधकार से दुनिया को प्रकाश का रास्ता दिखाया। जगतगुरू शिव के हवाले कर सृष्टि के संचालक भगवान विष्णु चार महीने के लिए क्षीरसागर में शयन कर रहे हैं। हम सभी जानते हैं कार्यवाहक संचालक भगवान शिव संसार के गुरु हैं इसीलिए शिव शिष्य परिवार आज गुरु पुर्णिमा के मौके पर पाटन प्रखंड के लोईंगा ग्राम में शिवचर्चा का आयोजन किया। कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए जहां गुरुभाइयों ने अंगवस्त्र देकर स्वागत किए। शिव को नमन कर मंचासिन हुए और गुरु भाई बहनों को उद्बोधन किए गुरु की महता पर प्रकाश डाले। हमने कहा जब आपके जीवन में घुप अंधेरा हो,जिंदगी के राह स्याह काली रात सा हो जाए, आपकी दुनिया अमावस की रात लगने लगे,सभी रास्ते बंद हो जाएं तब गुरु पूनम के चांद बन कर आते हैं और सभी अंधेरा छंट जाता है। गुरु हर मार्ग को प्रशस्त कर देते हैं और मुक्ति के मार्ग बता जाते हैं। आप सभी ढोंग अंधविश्वास से बचते गुरु की चर्चा करें आपकी दुनिया हमेशा रौशन रहेगी। मैं भी अपने गुरु एवं वरिष्ठ गुरु भाई गोकुलानंद तिवारी गुरु माता समान इनकी धर्म पत्नी को पुष्पगुच्छ अंग वस्त्र देकर सम्मानित किए। इस मौके पर बरसते पानी में भी सैकड़ों गुरु बहन भाई की उपस्थिति सम्मानजनक रहा। गुरु भाई ओंकार जी,आमोद भैया,प्रतिमा बहन, देवती बहन,कामेश सोनी,गुड्डू भैया,प्रभावती देवी,ज्योति पाण्डेय,वीरेंद्र अंदाज,राधे श्याम सहित सबों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिए। सबों को सधन्यवाद! जय महादेव!! हर हर भोला।

