संत मरियम स्कूल नये वर्ष के जश्न में खूब झूमे बच्चे, कार्यक्रम आयोजित

संत मरियम स्कूल: नये वर्ष के जश्न में खूब झूमे बच्चे, कार्यक्रम आयोजित

आवासीय बच्चों का उमंग ही हमारे जीवन का है रंग: अविनाश देव

मेदिनीनगर: नये वर्ष के आगमन पर दीवार- ए जिंदगी का एक ईट कम तो हो जाता है लेकिन तजुर्बा-ए जिंदगी में सपनो के सैलाबों को समेट कर नई ऊर्जा, नित्य विचार, नए प्रयास के साथ नववर्ष में प्रवेश करने के लिए हर कोई आतुर रहता है। खास तौर पर बच्चों में इसकी उत्सुकता ज्यादातर देखी जाती है वैसे में नये साल के मौके पर संत मरियम आवासीय विद्यालय के तकरीबन 600 बच्चों के उमंग के लिए परिसर में नव वर्ष के जश्न का तैयारी करना लाजमी था। आयोजित कार्यक्रम में गायक उमाशंकर मिश्रा व पंकज निराला के गीतों पर बच्चे खूब झूमे वही श्याम किशोर पांडे, नवनीत मेहरा, एवं शिव राम के वाद्य यंत्रों की धुन बच्चों के उमंग में खास रंग लाई। घड़ी की सुई बारह के पार होकर एक जनवरी होने के ज्योंहि संकेत दिया विद्यालय के चेयरमैन श्री अविनाश देव ने बच्चों संग केक काटा और बच्चों के उमंग में संलग्न होकर सबों को नए साल की शुभकामनाएं प्रेषित किया साथ ही केसर युक्त गर्म दूध पिलाकर सभी बच्चों को आशीष प्रदान किया। गीत,संगीत, नृत्य का दौर चला बच्चे खूब झूमे। श्री देव ने अपने संबोधन मे कहा कि हमारा देश भारत युवा देश है, युवाओं के दो प्रेरणा पुरुष हुए भगत सिंह,विवेकानंद जो आज भी नौजवानों को मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। आप सब मौज में मौत के करीब जा रहे हैं क्योंकि औसतन बच्चे व्यसन के शिकार हो गए हैं। पढ़ाई में मन न लगा कर नशाखोरी, रेहजानी और अपराध के दुनिया में अपना पांव पसार रहे हैं। संतों महापुरुषों के देश के माथे पर कलंक का टीका लगा है। भारत कभी विश्वगुरु था, जहां नालंदा विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालय में सरहद पार से विदेशी मुल्क के बच्चे पढ़ने आते थे। आज आप सभी संत मरियम विद्यालय के बच्चे झारखंड के अलावे अन्य राज्य से आकर पढ़ रहे हैं मुझे खुशी है कि हम शिक्षा में बदलाव के वाहक बन रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि देश दुनिया और समाज बदलने की जवाबदेही युवाओं की है,आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका युवाओं की रही है। पलामू की धरती पर नीलांबर पीतांबर छोटागपुर की धरती पर भगवान बिरसा मुंडा संथाल की धरती पर सिद्धू कानू सहित तमाम क्रांतिकारी युवा थे जो सन्मार्ग पर चलते दुश्मनों के दांत खट्टे किए और दुनिया को बदले। यह काम आप भी कर सकते हैं। अपने ज्ञान से आसमान को भी आप सभी आलोकित कर सकते हैं। आज एक जनवरी देश के दो बड़े नरसंहार के लिए भी जाना जाता है भीमा कोरेगांव और खरसावां। आप सभी को भी इस इस घटना के बारे में इतिहास खंगालना चाहिए। मैं उन शहीदों को भी नए साल में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं। उम्मीद अपने पढ़ाई में आप अव्वल आएंगे। लगता है बारह महीने के मन का गुब्बार नए साल के जश्न में धमाल में दफ़न कर दिए होंगे और नए साल में नई ऊर्जा नई सोच नई संकल्प नया सपना साथ आगे बढ़ेंगे।