रोजगार के लिए पलायन करने वाले मजदूर तथा झारखंड आंदोलनकारी की हरियाणा करनाल में मौत

रोजगार के लिए पलायन करने वाले मजदूर तथा झारखंड आंदोलनकारी की हरियाणा करनाल में मौत।
झारखंड से दूसरे प्रदेश में रोजगार के उद्देश्य से गए एक और झारखंडी की मौत।
बेरमो: रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में पलायन करना झारखंड के लोगो की नियति बन गयी है।पलायन करने वाले मजदूरों की मौत आम बात हो गई है। यूं तो झारखंड भारत का सबसे ज्यादा माइंस मिनरल्स वाला प्रदेश कहा जाता है और वास्तव में है भी पर दुर्भाग्य झारखंड प्रदेश में रहने वाले लोगों की जो रोजगार के लिए इधर-उधर दूसरे प्रदेशों में काम ढूंढने के लिए जाते हैं पर लौटती है उनकी शव पूर्व की भांति बोकारो जिले के चंद्रपुरा प्रखंड के कुरुम्बा पंचायत के गोटटांड़ निवासी 55 बर्षीय मजदूर तथा आंदोलनकारी धनेश्वर महतो।अप्रैल माह में दहियारी निवासी जगरनाथ साव के साथ स्टार लाईट ए डी एल कंपनी में रोजगार के लिए गांधीनगर करनाल हरियाणा गये थे। टॉवर लाईन में काम करने के दौरान लू लगी और गांधीनगर करनाल में ईलाज के दौरान मौत हो गयी। कंपनी द्वारा धनेश्वर महतो के बीमार होने की सूचना दूरभाष पर उसके पुत्र गणेश महतो को दी।लेकिन बुधबार को पुनः मौत होने की सूचना भी कंपनी ने दी। धनेश्वर महतो की मौत की खबर फैलते ही परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। कंपनी द्वारा शव को एम्बुलेंस द्वारा गांधीनगर करनाल हरियाणा से दुग्दा गोटटांड़ लाया गया है। सवाल यह है कि 3 करोड़ जनसंख्या वाला यह झारखंड नवंबर 2000 को झारखंड प्रदेश के तौर पर अस्तित्व में आया 24 वर्ष बीत जाने के बाद भी झारखंड मे निवास करने वाले लोगों की स्थिति तथा प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि नहीं हुई पर यहां राजनीति करने वाले तथा सरकार चलाने वाले लोगों की संपत्ति में काफी इजाफा हुआ। यहां की राजनीतिज्ञ लखपति से करोड़पति बने मगर झारखंड की जनता की स्थिति मे कोई खास सुधार नहीं हुआ जिसके कारण लोग दूसरे प्रदेशों में रोजगार के लिए पलायन करने को लेकर मजबूर हुए जिसका नतीजा है लोग पैसा कमाने तथा परिवार का भरण पोषण के उद्देश्य से तो जरूर जाते हैं पर उनकी ख्वाब तो पूरा नहीं होता और सामने परिजनों का आता है शव। न जाने कितने ही मजदूर मौत के मुंह में समा गए इसके बाद भी यहां की सरकार कोई ठोस कदम उठाने से बच रही है जिससे कि यहां के लोगों को रोजगार प्रदेश के अंदर ही उपलब्ध कराया जा सके। आखिर कब तक मजदूर पलायन की भेंट चढ़ते रहेंगे। इस मौके पर स्थानीय जिला परिषद संतोष पांडे, झामुमो नेता सुभाष चंद्र महतो, राजकुमार महतो, स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि मंटू महथा, पूर्व मुखिया जगरनाथ महतो, उत्तम महतो, रोशन कुमार महतो, टेकलाल महतो, नेमीचंद महतो, बि रू महतो, खेमलाल महतो, कमलेश दसौधी, इत्यादि सैकड़ो की संख्या में स्थानीय ग्रामीण पहुंचकर मृतक के परिजनों को ढांढ़स तथा हिम्मत बधाने का काम किया।