नेतरहाट में अवैध होटल कारोबार पर प्रशासन सख्त
SDO के निर्देश पर जल्द होगी सभी होटलों की व्यापक जांच
लातेहार (झारखंड):
झारखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नेतरहाट में लंबे समय से संचालित हो रहे अवैध होटल कारोबार पर अब प्रशासन शिकंजा कसने की तैयारी में है। SDO कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, प्रशासन को इस संबंध में पहले ही सूचना मिल चुकी है और इस संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी विपिन कुमार दुबे ने बताया कि बहुत जल्द नेतरहाट के सभी होटलों की गहन जांच शुरू की जाएगी।जांच के दौरान होटल रेट चार्ज, पार्किंग व्यवस्था, फूड लाइसेंस, जीएसटी पंजीकरण, फायर सेफ्टी और अन्य आवश्यक दस्तावेजों की बारीकी से पड़ताल की जाएगी।
केवल 25–35 होटल ही वैध, शेष नियमों के बाहर
स्थानीय सूत्रों के अनुसार नेतरहाट क्षेत्र में संचालित होटलों और लॉजों में से महज 25 से 35 होटल ही वैध कागजातों के साथ संचालित हो रहे हैं।जबकि दर्जनों होटल:बिना फूड लाइसेंस,बिना जीएसटी रजिस्ट्रेशन,बिना निर्धारित रेट चार्ट,बिना फायर सेफ्टी व्यवस्था है सालों से बेधड़क कारोबार कर रहे हैं।
बिना नक्शा और अनुमति के हो रहा होटल निर्माण
नेतरहाट जैसे संवेदनशील पहाड़ी क्षेत्र में बिना नक्शा पास कराए और बिना प्रशासनिक अनुमति नए होटलों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है।न तो भवन मानकों का पालन हो रहा है और न ही पर्यावरणीय नियमों का, जो भविष्य में गंभीर खतरे का संकेत माना जा रहा है।पर्यटकों से मनमानी वसूली, सुरक्षा व्यवस्था शून्य,पर्यटकों और स्थानीय लोगों में सबसे ज्यादा नाराजगी मनमानी रेट वसूली को लेकर है।शिकायतें हैं सीजन और भीड़ के अनुसार कमरे का किराया दोगुना-तिगुना कर दिया जाता है खाने-पीने की वस्तुएं बिना तय दर के बेची जाती हैंकई होटलों में स्वच्छता, फायर सेफ्टी और इमरजेंसी व्यवस्था तक नहीं हैपर्यटकों का कहना है कि ऐसी अव्यवस्था से नेतरहाट की छवि को भारी नुकसान पहुंच रहा है।
स्थानीय लोगों ने की सख्त कार्रवाई की मांग
स्थानीय ग्रामीणों और व्यवसायियों का कहना है कि यदि अवैध होटल माफिया पर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो नेतरहाट की शांति, प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन प्रतिष्ठा पर दीर्घकालिक नकारात्मक असर पड़ेगा।उन्होंने प्रशासन से अवैध निर्माण और बिना लाइसेंस संचालित होटलों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है।

