मर्यादा पुरूषोतम प्रभु श्री राम त्याग और समरसता के प्रतिमूर्ति थे   :   दामोदर मिश्र

मर्यादा पुरूषोतम प्रभु श्री राम त्याग और समरसता के प्रतिमूर्ति थे   :   दामोदर मिश्र।

           आज विक्रम संवत 2082,  चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर भारतीय नव वर्ष के स्वागत में विश्व हिंदू परिषद _ बजरंग दल के द्वारा नगर के मुख्य मार्गों पर भव्य शोभा यात्रा निकाली गई।  शोभा यात्रा में विश्व हिंदू परिषद  _ बजरंग दल,  मातृ शक्ति  _ दुर्गा वाहिनी और इसके अन्य आयाम के सदस्यों के साथ बड़ी संख्या में सनातन धर्मावलंबियों की भी सहभागिता रही।  शोभा यात्रा गीता भवन से शहीद भगत सिंह चौक,   सत्तार सेठ चौक,  कन्नी राम चौक,  घास पट्टी,  जय भवानी संघ मोड़, पंचमुहान,  बंसी लोहा दुकान मोड़,  देशरत्न डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद चौक से थाना रोड होते हुए गीता भवन में आ कर समाप्त हुई।  शोभा यात्रा में शामिल लोगों ने एक दूसरे को और विशेष कर नगर वासियों को भारतीय नव वर्ष की बधाई और शुभकामनाएं दी।

         इसके पूर्व गीता भवन मंदिर परिसर में राम जन्मोत्सव कार्यक्रम समारोह पूर्वक आयोजित किया गया।  इस में भगवान श्री राम का भजन और आरती किया गया।  जन्मोत्सव समारोह में जिला पालक दामोदर मिश्र ने भगवान श्री राम के त्याग और समरसता का व्याख्या करते हुए उन्हें त्याग और समरसता के प्रतिमूर्ति बताया।  कार्यक्रम के दौरान पूरा नगर श्री राम भगवान के जैकारे से गुंजायमान होता रहा।  जिला के विभिन्न प्रखंडों में भी आज नव वर्ष के स्वागत और राम जन्मोत्सव के कार्यक्रम धूम धाम से आयोजित किए गए।

           आज के कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद झारखंड प्रांत सेवा टोली के सम्मानित सदस्य और पलामू जिला पालक दामोदर मिश्र,  प्रांत साप्ताहिक मिलन सह प्रमुख कुमार गौरव,  पलामू विभाग अध्यक्ष शिव प्रकाश जी, विभाग मंत्री महेंद्र नाथ,  जिला अध्यक्ष उमेश अग्रवाल, उपाध्यक्ष अजीत पाठक, अधिवक्ता, अनामिका सिंह, लाला प्रसाद यादव, जिला मंत्री अमित तिवारी, बजरंग दल संयोजक संदीप प्रसाद गुप्ता,पूर्व उप महापौर राकेश कुमार सिंह, उर्फ मंगल सिंह, दुर्गा वाहिनी संयोजिका कामिनी सिंह, अधिवक्ता, कनक सिंह, रूपा सिंह, शर्मिला वर्मा, विकाश कुमार कश्यप, सुधाकर गोपाल कृष्ण तिवारी, पप्पू लाठ, सुरेश कुमार वर्मा, रवि तिवारी, भाजपा से लवली गुप्ता, आशीष भारद्वाज, आनंद चौरसिया, भोला अग्रवाल, अक्षोभ्य भैरव, देवराज शर्मा, प्रकाश विश्वकर्मा इत्यादि सहित सैकड़ों सनातन धर्मावलंबियों की सहभागिता रही।