मालगाड़ी से कट कर हाथी के बच्चे की मौत

मालगाड़ी से कट कर हाथी के बच्चे की मौत
चंदवा : चंदवा थाना क्षेत्र के केकराही (माल्हन) गांव के निकट शुक्रवार की मध्यरात्रि पश्चात लगभग डेढ़ दर्जन जंगली हाथियों का समूह उक्त स्थल से रेलवे लाइन से गुजर रहा था। 12ः26 पर जंगली हथिनी का बच्चा वहां से गुजरते एक मालगाड़ी की चपेट में आ गया और हाथी के बच्चे की मौत हो गई। दुर्घटना के बाद हाथी का बच्चा रेल ट्रैक और मालगाड़ी के निचले हिस्से में फंस गया। इसके कारण डाउन लाइन पर आवागमन ठप हो गया। शनिवार को डीएफओ प्रवेश अग्रवाल, रेंजर नंद कुमार महतो के साथ वन विभाग के कर्मी, टोरी टीआई संजय कुमार, आरपीएफ निरीक्षक प्रभारी रंजीत रंजन सहाय, आरके राम समेत रेल की टीम, पंचायत मुखिया जतरू कुमार मुंडा समेत ग्रामीण और अन्य घटनास्थल पहुंचे। बड़ी मशक्कत के बाद हाथी के बच्चे के शव को ट्रैक और मालगाड़ी के बीच से बाहर निकाला गया। पूर्वाहन लगभग साढ़े आठ बजे उक्त रेल लाइन पर परिचालन सामान्य हुआ।
रेल प्रबंधन ने वन विभाग को दी घटना की जानकारी: जंगली हाथी के ट्रेन के चपेट में आने और इंजन के रूक जाने के बाद रेल प्रबंधन ने संबंधित जानकारी वन विभाग को दी। रात होने और हाथियोें के समूह के पास में ही जमे होने की सूचना के कारण कोई भी वहां जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। शनिवार की सुबह वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंची। बड़ी मुश्किल से पास में जमे हाथियों के झुंड को दूर भगाया गया। इसके बाद हाथी के बच्चे के शव के काफी मशक्कत के बाद रेल पटरी से हटाया गया।
ट्रेन की चपेट में आने के बाद काफी दूर तक घिसटता गया हाथी के बच्चे का शव: ट्रेन की चपेट में आने के बाद हाथी के बच्चे के शव काफी दूर तक घिसटता गया। सौभाग्य रहा कि हाथी के बच्चे का शव रेलवे ट्रैक और इंजन के बीच फंस जाने के बाद बड़ा हादसा नहीं हुआ।
रात भर चिघाढ़ते रहे हाथी: दुर्घटना के बाद साथ चल रहे हाथी अहले सुबह तक घटनास्थल के समीप ही जमे रहे। बच्चे के वापस आने की उम्मीद में जंगली हाथी रात भर चिघाड़ते रहे। हाथियों के चिघाढ़ने की आवाज दूर तक गांव तक सुनाई देती रही। जंगली हाथियों के चिघाड़ने और किसी अनहोनी की आशंका से ग्रामीण भयभीत रहे।
डाउन लाइन पर यातायात रहा प्रभावित: हाथी के बच्चे के मालगाड़ी की चपेट में आने तथा उसके शव के मालगाड़ी और रेल ट्रैक के बीच में फंस जाने के कारण इंजन का पहिया थम गया। इसके कारण डाउन लाइन पर परिचालन पूरी तरह ठप हो गया। वैकल्पिक व्यवस्था के माध्यम से अप लाइन पर रेल का परिचालन कराया गया। शनिवार को रेल, वन विभाग और स्थानीय लोगों की सहायता से हाथी के बच्चे के शव को ट्रैक से बाहर निकाला जा सका।
पोस्टमार्टम के लिए तीन सदस्यीय टीम का हुआ गठन: मालगाड़ी की चपेट मे हाथी के बच्चे की मौत की सूचना के बाद वहं पहुंचे डीएफओ के निर्देश पर हाथी के पोस्टमार्टम के लिए आरएफओ ने तीन सदस्यीय टीम का गठन किया। गति नियंत्रण को लेकर रेलवे विभाग को भी पत्राचार किया गया।
इंजन में ही कैद रहा इंजन चालक: जंगली हाथी के इंजन से टकराने के बाद के इंजन चालक के महतो (खेलारी) इंजन में ही कैद हो गया। हाथी के बच्चे की मौत के बाद जंगली हाथी काफी देर तक पास में रहकर चिघाढ़ते रहे। किसी अनहोनी की सोच से वह इंजन के अंदर बैठा रहा। उसे संदेह था कि यदि वह इंजन से नीचे उतरा तो शायद हाथी उसका काम तमाम कर दें।