जिस कुआ से पीते थे पानी उस कुआ में पड़े दरार नल जल योजना से ग्रामोणो को हुआ बहुत बड़ा नुक्सान

जिस कुआ से पीते थे पानी उस कुआ में पड़े दरार नल जल योजना से ग्रामोणो को हुआ बहुत बड़ा नुक्सान
केंद्र और राज्य सरकार लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के तमाम दावे करती है. नेता व अधिकारी इसका श्रेय लेने से नहीं कतराते. इसके बावजूद आज भी लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. ऐसा ही मामला बालुमाथ प्रखंड अंतर्गत मसियातु पंचायत के होलंग में देखने को मिल रहा है.लोग शुद्ध पेयजल के लिए तरसते नजर आ रहे हैं. नल जल योजना के तहत गांव के हर घर में नल पहुंचाया गया है, लेकिन नल में पानी नहीं है. देखिए एक रिपोर्ट
यह लातेहार जिले की बालूमाथ प्रखंड के होलंग का जहां लोग चिलचिलाती धूप और प्रचंड गर्मी में अपने प्यास को बुझाने के लिए 2 किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हैं . हालांकि गांव में नल जल योजना के तहत टंकी बनाई गई है, वह भी पूरी तरह से बंद है.
ग्रामीण का कहना है कि नल जल योजना पूरी तरह खत्म हो गयी है. पानी लाने के लिए दो किलोमीटर से लाना पड़ता हैं . साथ ही कुआ का गंदे पानी का प्रयोग करना पड़ता है. वही ग्रामीणों का आरोप है कि नल जल योजना के टंकी लगने के बाद यहां का कुआ तालाब सूख गया है I ग्रामीणों ने कहा कि यह गांव नदियों से घिरा हुआ है अगर नदियों को बांध दिया जाता तो पाइप के मध्यम से सुध पानी घरो तक पहुंच जाता और हर खेत में पानी मिल जाता नल जल योजना के तहत गावो में कई जगह बोरिंग किए गए है जिसके चलते जल स्तर नीचे चला गया है, इससे पहले हम लोग को पानी का कोई भी समस्या नही था कुआं से पानी भी पी लेते थे और फसल भी उगा लेते थे जब से बोरिंग हुआ है तब से पानी का किल्लत हो गया है I जल नल योजना से हम लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ है बल्कि बिचौलिया को हुआ है सिर्फ लूट का यह योजना था वही ग्रामीणों का कहना है कि अगर गांव के नदिया तलाब को बांध दिया जाता तो पानी की समस्या नहीं होती लेकिन पानी की शिकायत कई बार स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि से लेकर सांसद, विधायक तक से की गयी, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया.ग्रामीण का कहना है कि चुनाव में वोट पाने के लिए नेता पैर पकड़कर वोट मांगेंगे. जब वोट मिल जाएगा तो गायब हो जाएंगे. इसे लेकर लोगों में नाराजगी है. लोग चाहते हैं कि गांव में पानी की समस्या खत्म हो जाए.