झामुमो का आरोप: भाजपा नेता मौनी बाबा बनकर ओबीसी आरक्षण पर छुपाते हैं सत्ताईस प्रतिशत की सच्चाई

ओबीसी को सत्ताईस प्रतिशत आरक्षण के नाम पर भाजपा नेता मौनी बाबा बन जाते हैं: झामुमो
झामुमो के नेताओं ने भाजपा पर ओबीसी समाज को बांटने का आरोप लगाया
झामुमो के वरिष्ठ नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाजपा पर कड़ा हमला किया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में झामुमो के नगर अध्यक्ष रंजीत जयसवाल, व्यवसायिक मोर्चा के दीपू चौरसिया और पिछड़ा मोर्चा के ललन चौधरी उपस्थित थे। नेताओं ने कहा ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण पर भाजपा चुप्पी साध लेती है, जाती जनगणना पर भाजपा के नेता मौन धारण कर लेते हैं। परंतु भाजपा के नेता ओबीसी के स्वयंभू संरक्षक बने घूमते हैं। आज झारखंड में पूरे देश के व्यवसायिक आना चाहते हैं, यहां के व्यापारी सुखी सम्पन्न हैं। परंतु भाजपा ने सिर्फ टैक्स का बोझ लादने का काम किया है। नगर अध्यक्ष रंजीत जयसवाल ने कहा ” जातीजनगणना का सवाल हो या ओबीसी आरक्षण भाजपा नेता इस पर एक शब्द नहीं बोलते हैं। आज झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी ने मईया सम्मान योजना बिना किसी भेदभाव के सबों को समान रूप से दिया है। परंतु भाजपा और उसके नेता ओबीसी और पिछड़ों को तोड़ने का षड्यंत्र कर रहे हैं, हमारा आरक्षण छीनने की साजिश रची जा रही है।” व्यवसाय मोर्चा के अध्यक्ष दीपू चौरसिया ने कहा ” भाजपा के नेता राजनीति को भी व्यवसाय समझते हैं, ये लोग भूल चुके हैं कि राजनीति सेवा करने की नीति है, यहां सिर्फ सेवा किया जाता है परंतु ये लोग मेवा खाने में व्यस्त हैं। अडानी अंबानी की सरकार छोटे व्यापारियों को बढ़ने नहीं देना चाहती, ठीक उसी तरह शहर के कुछ अदानी जैसे लोग ओबीसी समाज के वोट को अपने पॉकेट का वोट समझते हैं। पिछड़ा मोर्चा अध्यक्ष ललन चौधरी ने कहा “पैसे वाले व्यापारी राजनीति को अपने इशारों पर चलाना चाहते हैं, संघर्ष और जमीनी हकीकत को एक माटी का बेटा और माटी से जुड़ा व्यक्ति और पार्टी ही समझ सकता है। बड़ी बिल्डिंग वाले लोग झोपड़ी में रहने वाले का दर्द नहीं समझ सकते। झामुमो माटी की पार्टी है गरीबों का दर्द समझती है, झामुमो से ही पिछड़ा, अल्पसंख्यक और ओबीसी समाज का तरक्की संभव है।