जीएन कान्वेंट स्कूल में प्रकृति दर्शन कार्यक्रम, बच्चों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश
प्रकृति दर्शन कार्यक्रम।प्रकृति जीवन का आधार है।बच्चों की मुस्कान के आगे कुछ भी नहीं। आज बच्चे प्रकृति के समीप बैठें। स्थानीय जीएन कान्वेंट स्कूल में प्रकृति दर्शन पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन संपन्न। प्राकृतिक संरक्षण मानवता की जिम्मेदारी है। प्रकृति दर्शन कार्यक्रम विभिन्न क्रियाकलापों के माध्यम से छात्र-छात्राओं को अवगत कराया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के निदेशक व शिक्षाविद मदन प्रसाद केशरी एवं उनकी टीम में शामिल नीलम केशरी, सुनीता कुमारी, चंदा कुमारी,शिवानी कुमारी, व जूनियर विंग के इंचार्ज खुर्शीद आलम के देखरेख में संपन्न हुआ। बच्चों को लोकल प्रकृति दर्शन से रूबरू कराया गया।बच्चों को प्रकृति वर्णन करते हुए निदेशक मदन प्रसाद केशरी ने कहा कि प्रकृति जीवन का स्रोत है। इसने हमें जीवित रहने के लिए आवश्यक हर चीज प्रदान की है। चाहे वह हवा, हो सूरज की रोशनी हो, पेड़ हो, भोजन हो, या पानी। यह हमसे कभी किसी चीज के लिए शुल्क नहीं लेती। ऐसे में इन संसाधनों के महत्व औऱ चीजों की अपेक्षा ज्यादा है। बच्चों को समझाया गया कि यह हमारी जिम्मेदारी भी है कि हम इसे संरक्षित रखें।प्राचीन काल से ही मनुष्य पर्यावरण पर निर्भर रहा है और आज भी इसी पर पूर्णरूपेण निर्भर हैं। लेकिन जिस आधुनिकता और औद्योगीकरण के युग में प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध उपभोग हो रहा है मानो अपने विकास के लिए हर तरह से दोहन हो रहा है। यह एक तरह से प्रकृति के साथ खिलवाड़ हो रहा है।इस गंभीर विषय से नौनिहालों को परिचय कराया गया। यह बताया गया कि यदि हम समय रहते न चेते तो विनाश निश्चित तौर पर है। गिविंग ऑफ जॉय के तहत स्थानीय बच्चों को स्कूल प्रबंधन की ओर से अक्षर लेखन के लिए कॉपी, पेंसिल,इरेजर,शार्पनर तथा टॉफ़ी प्रदान किया गया। कब्बडी, बैडमिंटन आदि खेल गतिविधियों को भी कराया गया।उपस्थित बच्चों में काफी खुशियाँ देखी गयी।

