हेमंत सरकार के अंतर्गत साढ़े तीन हजार हत्या व दुष्कर्म की घटनाएं हुई

झारखंड में कानून व्यवस्था चौपट अपराधी हुए बेलगाम: कमलेश
शुभम के हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो होगा आंदोलन
हेमंत के कार्यकाल में साढ़े तीन हजार हत्या व दुष्कर्म की घटनाएं हुई
फोटो: कमलेश कुमार सिंह
गुरुवार को दिन दहाड़े हरिहरगंज के प्रतिष्ठित व्यवसाई शंकर गुप्ता के पुत्र शुभम गुप्ता की छतरपुर में गोली मार कर हत्या कर दी गई। हत्या की घटना को अंजाम देकर अपराधी भागने में सफल हो गए। वहीं गत दिनों छतरपुर विधायक पुष्पा देवी व पूर्व सांसद की गाड़ी पर हमला हुआ। जो पुलिस की नाकामी साबित करता है। यह झारखंड की गिरती कानून व्यवस्था का बड़ा सुबूत है। यह बातें एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सह हुसैनाबाद हरिहरगंज विधायक कमलेश कुमार सिंह ने हुसैनाबाद में पत्रकारों से कही।उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था खराब होने के पीछे राज्य में फल फूल रहा भ्रष्टाचार है। पुलिस पर सरकार का कोई लगाम नहीं रहा। झारखंड ऐसा राज्य है जहां के अनुमंडल में तीन माह से एसडीपीओ का पद रिक्त है। उन्होंने कहा कि हरिहरगंज के व्यवसाई पुत्र शुभम के हत्यारों को अविलंब गिरफ्तार नहीं किया गया, तो एनसीपी राज्यपाल से मिल कर पूरी जानकारी देंगे। जरूरत पड़ी तो राज्य मुख्यालय में जोरदार आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने शुभम के हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी करने की मांग की है। विधायक श्री सिंह ने कहा कि झारखंड में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। यहां हर जगह लूट- खसोट का बाजार गर्म है। झारखंड की खनिज संपदा लूटी जा रही है। राज्य में लूट, चोरी, हत्या, दुष्कर्म जैसी घटनाएं बढ़ गई हैं। प्रशासक वर्ग भी हाथ पर हाथ धरकर बैठा है।आवाज उठाने वाले ग्रामीणों को जेल में डाल दिया जाता है। ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। प्रशासन दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करेगा तो एनसीपी सम्पूर्ण राज्य में आंदोलन चलाने को बाध्य होगी। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हुई है। हेमंत सरकार के चार साल के कार्यकाल में साढ़े तीन हजार से अधिक दुष्कर्म और हत्या की घटनाएं हुई हैं। अब तक छतरपुर विधायक व पूर्व सांसद पर हुए हमला का खुलासा पुलिस नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि पुलिस पत्थर, बालू और कोयला चोरों को बचाने में लगी है। राज्य के मुखिया खुद को बचाने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है।