धनवार विधायक बाबूलाल मरांडी ने उठाई आवाज: दो साल से छात्रवृत्ति बंद, बच्चे होटल में प्लेट धोने को मजबूर; सरकार से मांगा जवाब
विधायक व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने जिले में दो वर्ष से छात्रवृत्ति नहीं मिलने की गंभीर समस्या को सदन और जनता के बीच मजबूती से उठाया है। उन्होंने बताया कि हजारों गरीब व जरूरतमंद छात्र, जिन्हें सरकारी सहायता के भरोसे अपनी पढ़ाई जारी रखनी थी, आज आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। छात्रवृत्ति बंद रहने के कारण कई छात्र स्कूल-कॉलेज छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं, जबकि कुछ बच्चे पेट भरने के लिए होटलों में प्लेट धोने और मजदूरी करने तक को विवश हैं।
विधायक मरांडी ने इस स्थिति को “शिक्षा व्यवस्था की विफलता और सरकार की लापरवाही” करार देते हुए कड़ा सवाल उठाया कि आखिर दो वर्षों से छात्रवृत्ति योजना ठप क्यों पड़ी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ घोषणाओं में व्यस्त है, जबकि जमीनी स्तर पर गरीब छात्रों की तकलीफों को कोई सुनने वाला नहीं है।
मरांडी ने सरकार से स्पष्ट जवाब माँगते हुए कहा कि यदि समय पर छात्रवृत्ति मिल जाती तो बच्चों को पढ़ाई छोड़कर काम पर नहीं जाना पड़ता। उन्होंने अधिकारियों को भी चेताया कि छात्र हित से जुड़े मामलों में देरी किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
वहीं स्थानीय अभिभावकों ने भी विधायक की पहल का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि सरकार अब जल्द से जल्द छात्रवृत्ति वितरण की प्रक्रियाओं को तेज करेगी, ताकि बच्चों की पढ़ाई दोबारा पटरी पर लौट सके।

