चंदवा में फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण अविलंब करो – सीपीएम
चंदवा में फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण अविलंब करो – सीपीएम
पार्टी ने निर्माण कार्य शुरू किए जाने के लिए संड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मंत्री को लिखा पत्र
झारखंड के लातेहार जिले में टोरी रेलवे स्टेशन के समीप अवस्थित रेलवे क्रासिंग पर फ्लाई ओवर ब्रिज का आनलाइन शिलान्यास केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी द्वारा आज से चार वर्ष पूर्व किया गया था. लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकार के अधिकारियों की उदासीनता के चलते शिलान्यास के इतने दिनों बाद भी फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण प्रारंभ नहीं हो सका है. इसके साथ ही टोरी रेलवे स्टेशन के पश्चिम में फुट ओवर ब्रिज का काम भी अधुरा पड़ा हुआ है. जिसके चलते लोगों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. टोरी रेलवे जंक्शन पूर्व रेलवे के हावड़ा – दिल्ली रुट के व्यस्त रेलमार्ग पर अवस्थित है. जहां से रेलवे के तीन रुट रांची – लोहरदगा से टोरी, टोरी से बड़काखाना होते हुए मुरी जंक्शन तक रेलवे का लिंक लाइन है. जिसपर माल गाड़ी के अलावा यात्रियों को ले जाने वाली कई ट्रेनों का आवागमन होता है. यह एक व्यस्त रेल रूट है.इस व्यस्त जंक्शन के रेलवे क्रासिंग पर फ्लाई ओवर ब्रिज नहीं होने से एंबुलेंस सहित सैकड़ों वाहन घंटों जाम में फंसे रहते हैं. जाम के कारण गंभीर दुर्घटना में घायल दर्जनों लोग जिन्हें तुरंत ट्रामा सेंटर पहुंचाना होता है रेलवे क्रासिंग बंद होने के चलते एंबुलेंस में में ही दम तोड़ देते हैं. इसके अलावा कई गर्भवती महिलाएं प्रसव पीड़ा से त्रस्त होने के बावजूद समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाती हैं और एंबुलेंस या जिस वाहन से उन्हें ले जाया जा रहा होता है वे उसी में प्रसव के लिए मजबूर हो जाती हैं. और कई तो समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने के कारण मौत की शिकार भी हो गयी हैं. उसी प्रकार टोरी रेलवे स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज के निर्माण में देर होने से लोग अनाधिकृत रूप से रेलवे पटरी को क्रास किए जाने के चलते दुघर्टना में मारे जाते हैं. यहां की जनता इस त्रासदी को झेलते हुए आक्रोशित हो रही है और लगातार आंदोलन करने के लिए मजबूर हो रही है. पिछले कई दिनों से सीपीएम के नेता मो. अयुब खान के नेतृत्व में ” जल समाधी और जमीन समाधी ”
जैसे आंदोलन आयोजित कर केंद्र और राज्य सरकार से फ्लाई ओवर के निर्माण तथा रेलवे मंत्रालय से समन्वय कर फुट ओवर ब्रिज के निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की मांग की जा रही है.
