अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस पर पवन-पूजा की शादी बनी मिसाल, विधवा विवाह को सामाजिक सम्मान दिलाने की पहल
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस पर पवन-पूजा की शादी बनी मिसाल, विधवा विवाह को सामाजिक सम्मान दिलाने की पहल
विधवा महिलाओं को सामाजिक रूप से जागरूक और सशक्त करने की दिशा में पहल ट्रस्ट है प्रयासरत : अविनाश देव
पलामू। पलामू जिला के पोलपोल निवासी पवन कुमार ने समाज के सामने एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है। अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस (23 जून 2025) के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में पवन ने गढ़वा जिले के सोनेहारा गांव की रहने वाली विधवा पूजा देवी से विवाह कर सामाजिक सोच को नई दिशा दी है।
पूजा देवी के पति का निधन वर्ष 2020 में हो गया था। 2018 में विवाह और 2019 में मां बनने के बाद 2020 में पति के निधन ने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया था, वहीं पवन कुमार अविवाहित हैं और एक माइक्रोफाइनेंस कंपनी में कार्यरत हैं। उन्होंने बीए तक की शिक्षा प्राप्त की है। इस विवाह से दोनों ने यह सिद्ध किया है कि सच्चे रिश्ते समाज की रूढ़ियों से ऊपर होते हैं।
यह विवाह पलामू में पहल ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान संपन्न हुआ, जिसमें प्रशिक्षु आईएएस हिमांशु, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी नीता चौहान, संत मरियम विद्यालय के चेयरमैन, झारखंड सरकार के माटी कला बोर्ड के निवर्तमान सदस्य सह पहल ट्रस्ट के प्रतिनिधि अविनाश देव समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। जिला समाज कल्याण विभाग द्वारा विधवा विवाह पर दो लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। नीता चौहान ने बताया कि जिले में वर्ष 2025 के लिए पांच विधवा विवाह का लक्ष्य रखा गया है।
कार्यक्रम में उपस्थित कई विधवा महिलाओं ने अपने जीवन के संघर्ष साझा किए। चैनपुर प्रखंड के सेमरटांड़ की एक महिला ने कहा कि पति की मृत्यु के बाद समाज उन्हें दोषी ठहराता है, बेटों से वंचित कर देता है और चरित्र पर सवाल उठाता है। उनके पास केवल बेटियाँ हैं और कोई मदद के लिए आगे नहीं आता।
संत मरियम विद्यालय के चेयरमैन सह झारखंड सरकार के माटी कला बोर्ड के निवर्तमान सदस्य अविनाश देव ने कहा कि ट्रस्ट विधवा महिलाओं को सामाजिक रूप से जागरूक और सशक्त करने की दिशा में पहल कर रहा है। उन्होंने कहा कि विधवा विवाह को सामाजिक स्वीकृति दिलाने के लिए ऐसे आयोजन अत्यंत आवश्यक हैं। जो भी व्यक्ति विधवा विवाह करना चाहता है, उसे सरकार की योजनाओं के तहत हरसंभव सहायता दी जाएगी।
पवन और पूजा की शादी न केवल एक वैवाहिक संबंध है, बल्कि यह समाज में गहरी पैठी कुरीतियों के खिलाफ उठाया गया एक साहसी कदम भी है, जो दूसरों को भी प्रेरित करेगा। इस मौके पर क्षेत्र की सैकड़ों विधवा महिलाओं को सम्मानित किया गया।
