आजादी के 78 साल बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में अधूरी सड़कें, अधूरे पुल
आजादी के 78 साल बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में अधूरी सड़कें, अधूरे पुल**
आजादी के 78 साल पूरे होने के बावजूद कई ग्रामीण क्षेत्र आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। पलामू जिले के सतबरवा प्रखंड अंतर्गत रवदा पंचायत के ग्राम सलैया में नालों पर पक्के पुलों का अभाव ग्रामीणों के लिए गंभीर समस्या बना हुआ है। इस कमी का असर न केवल आवागमन पर पड़ता है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र भी प्रभावित हो रहे हैं।
ग्राम सलैया के निवासियों का कहना है कि बरसात के मौसम में नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने से आवागमन लगभग असंभव हो जाता है। विशेष रूप से रात के समय आपात स्थिति में, जैसे किसी बीमार व्यक्ति या गर्भवती महिला को प्रखंड मुख्यालय ले जाना, बेहद जोखिम भरा होता है। ग्रामीणों का आरोप है कि हर चुनाव में नेता पुल निर्माण के बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन ये वादे कागजों तक ही सीमित रह जाते हैं।
स्थानीय निवासी चंदन ने बताया, “हमारे गांव में आज तक कोई पक्का पुल नहीं बना। बरसात में बच्चों को स्कूल भेजना और मरीजों को अस्पताल ले जाना मुश्किल हो जाता है। सरकार से बार-बार गुहार लगाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती।
यह स्थिति न केवल सलैया गांव की है, बल्कि कई ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी यही हाल है। आजादी के इतने वर्षों बाद भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव ग्रामीण भारत की प्रगति में एक बड़ा रोड़ा बना हुआ है।

