श्रावण में सेवा के प्रहरी: देवघर में आस्था के साथ कदमताल करती पलामू पुलिस”
श्रावण में देवघर पहुंचे पलामू के प्रहरी”हर साल की तरह इस वर्ष भी लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए यहाँ उमड़े हैं। लेकिन इस बार एक अलग नज़ारा देखने को मिला – जहाँ डाक बम की रफ्तार से चलने वाले इन भक्तों की सेवा में तैनात हैं – पलामू पुलिस के जाँबाज़ जवान।पलामू जिले से आई पुलिस टीम इस बार केवल सुरक्षा की नहीं, सेवा की ड्यूटी पर है। इनके हाथों में न केवल डंडा है, बल्कि थामे हुए हैं – पानी की बोतलें, ORS के पैकेट, फर्स्ट एड किट और मुस्कुराता हुआ चेहरा।”हम तो सोच नहीं सकते थे कि पुलिसवाले इस तरह सेवा भी करते हैं… प्यास लगी तो पानी, थक गए तो आराम करने की जगह भी बता दी.देवघर की तपती दोपहर हो या बारिश से भीगता रास्ता – ये जवान हर मोड़ पर, हर कदम पर कांवरियों के साथ खड़े हैं। कोई थका-हारा कांवरिया हो, या घायल यात्री – पलामू पुलिस की टोली तुरंत सहायता देने में जुट जाती है।जहाँ एक ओर देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु ‘बोल बम’ के जयकारे लगाते हुए बढ़ रहे हैं, वहीं पलामू के ये रक्षक – बोल बम की सेवा में समर्पित – हर क़दम पर उनके साथ हैं।श्रावण माह में देवघर की गलियों में जब आस्था बह रही है, तब उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है – पलामू पुलिस की सेवा और संवेदनशीलता की मिसाल।कभी-कभी वर्दी भी भक्ति में लीन हो जाती है… और तब बनता है ऐसा अद्भुत दृश्य – जहाँ ‘सेवा ही धर्म’ बन जाती है।

