“देश की आवाज़, दलितों की शान: बाबू जगजीवन राम की पुण्यतिथि पर मोर्चा ने दी श्रद्धांजलि”
बेरोजगार संघर्ष मोर्चा के जिला कार्यालय में पूर्व उप प्रधानमंद्री बाबू जगजीवन राम की 39 वि पुण्यतिथि मनाई गई कार्यक्रम की अध्यक्षता मोर्चा अध्यक्ष उदय राम ने किया संचालन संजय कुमार ने किया जगजीवन राम के तस्वीर पर फूल माला चढ़ा कर कार्यक्रम की शुरुआत की गायब। मोर्चा अध्यक्ष उदय राम ने कहा कि जगजीवन राम महज 1 व्यक्ति नहीं बल्कि सामाजिक बदलाव के प्रतीक थे सामाजिक असामनता के दंश सहने के बाद दलितों के लिए आवाज उठाने की ठानी 19 अक्टूबर 1935 को पहली बार दलितों के लिए मतदान के अधिकार के मांग की आरक्षण दिलाने एवम् लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई छुआ छूत मिटाने के लिए 1955 में कानून बनवाया देश के सभी मंदिरों के द्वार खुलवाया ताकि दलित समाज भी मंदिरों में पूजा पाठ कर सके जगजीवन राम 1952 से 1986 तक लगातार सांसद चुने गए एवम् 16 वर्षों तक केंद्रीय मंत्री रहे उन्होंने दलितों के हक अधिकार के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष किया हरित क्रांति ,श्रम सुधारों व सामाजिक न्याय के क्षेत्र में काफी योगदान दिया जगजीवन राम सामाजिक न्याय एवम् श्रम सुधारों के अगुआ थे संजय कुमार ने जगजीवन राम के जीवनी पर प्रकाश डाला एवं कहा कि 6 जुलाई 1986 ईस्वी को निधन हुआ था ये दलितों के मसीहा थे एवम् श्रम कानून के अगुआ थे इस अवसर पर राजेश रंजन गणेश चंद्रा गोपाल चौधरी अजित कुमार जलील अंसारी मोहमद अंसारी राधा मोहन सिंह कृष्णा राम सूरज कुमार अक्षत कुमार जयपाल मोची राकेश कुमार विनय राम राजीव रंजन परमानंद कुमार प्रभात कुमार यशवंत कुमार ने अपने अपने विचार व्यक्त किए रामनरेश महतो ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।
