देवरी सोन नदी में डूबने से साकिब की मौत, हुसैनाबाद में शोक की लहर
देवरी सोन नदी में डूबने से साकिब की मौत, हुसैनाबाद में शोक की लहर
आज रात लोटनिया गांव में किया जाएगा सुपुर्द-ए-ख़ाक
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हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत नगर पंचायत स्थित लंबी गली में उस वक्त मातम पसर गया जब क्षेत्र के जाने-माने कपड़ा व्यवसायी आबिद अंसारी के 18 वर्षीय पुत्र साकिब अंसारी की मौत देवरी सोन नदी में नहाने के दौरान डूबने से हो गई। यह हादसा आज सुबह करीब 9 बजे उस समय हुआ जब साकिब अपने तीन दोस्तों के साथ नदी में स्नान के लिए गया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, साकिब के साथ उसके मित्र मोनू हुसैन, अरबाज खान और दिलशाद भी मौजूद थे। स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चारों को नदी में नहाने से रोका गया था, लेकिन वे नहीं माने। थोड़ी ही देर बाद दो युवक गहरे पानी में डूब कर बहने लगे। तभी दो दोस्त के शोर मचाने पर स्थानीय गोताखोरों ने तत्परता दिखाते हुए एक युवक को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, लेकिन साकिब गहरे पानी में समा गया।
घटना की सूचना हुसैनाबाद एसडीपीओ एस मोहम्मद याकूब को मिलते ही हुसैनाबाद एसडीएम गौरांग महतो, देवरी ओपी प्रभारी बबलू कुमार, सीओ पंकज कुमार दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और खोजबीन शुरू कराई। एसडीएम के नेतृत्व में स्थानीय नाविकों व गोताखोरों की 10 सदस्यीय टीम गठित की गई, जिनमें मोहन चौधरी, सुरेंद्र चौधरी, धनंजय चौधरी, सत्येंद्र चौधरी, ननकू चौधरी, राजन चौधरी, छोटू चौधरी, विनय चौधरी सहित कई लोग शामिल थे।
घटना स्थल पर हुसैनाबाद विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी एवं युवा नेता शेर अली भी मौजूद रहे और प्रशासनिक दल के साथ अंतिम समय तक समन्वय करते रहे। कई घंटे की मशक्कत के बाद साकिब का पार्थिव शरीर बरामद किया गया।
आज रात्रि एशा की नमाज के बाद होगा अंतिम संस्कार
देर शाम साकिब का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा गया। परिवार की ओर से जानकारी दी गई कि आज रात एशा की नमाज के बाद साकिब के पार्थिव शरीर को उसके पैतृक गांव लोटनिया में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा। पूरे गांव में शोक की लहर है।सैंकड़ों की संख्या में लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से की अपील
देवरी घाट पर मौजूद लोगों ने प्रशासन से अनुरोध किया कि नदी घाटों पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। ग्रामीणों का कहना है कि घाटों की गहराई व बहाव को देखते हुए यह बेहद आवश्यक है।


