टेंपो दुर्घटना में एक किशोर की हुई मौत
टेंपो दुर्घटना में एक किशोर की हुई मौत।
मेराल थाना क्षेत्र के बाना गांव निवासी सुनील विश्वकर्मा उम्र लगभग 32 वर्ष पिता छेदी विश्वकर्मा की मृत्यु बीती रात्रि टेंपो दुर्घटना में हो गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुनील टेंपो लेकर मेराल से अपने घर बाना आ रहा था। इसी बीच बाना हाई स्कूल के मुख्य द्वार के सामने मुख्य सड़क पर बिजली पोल पर मिट्टी डालकर बनाए गए ब्रेकर की चपेट में आने से टेंपो अनियंत्रित होकर पलट गया। जिस कारण टेंपो से दब जाने के चलते घटना स्थल पर ही सुनील की मौत हो गई। घटना की सूचना पर मेराल पुलिस ने अहले सुबह शव को कब्जे में लेकर अंतः परीक्षण हेतु सदर अस्पताल गढ़वा भेज दिया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि सुनील बहुत ही गरीब व्यक्ति था, जो जमीन बेचकर 1 वर्ष पूर्व टेंपो लिया था। टेंपो चला कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। लेकिन मुख्य सड़क पर बिजली खंभा पोल रखकर मिट्टी डालकर बनाए गए ब्रेकर के चपेट में आने के कारण दुर्घटना के शिकार हो जाने से मौत हो गया। सुनील अपने पीछे पत्नी कविता तथा दो लड़की एवं एक लड़का रागिनी लगभग 12 वर्ष ज्योति 9 वर्ष एवं एक 6 वर्ष का बेटा सत्यम कुमार को छोड़ गया। सुनील बहुत ही गरीब व्यक्ति था जो मिट्टी के खपड़ैल घर में रहकर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। सुनील के अकस्मात दुर्घटना के शिकार हो जाने के कारण बच्चों एवं परिवार का देखभाल करने वाला अब कोई सहारा नहीं बचा है। दुर्घटना के बाद शोक संतप्त परिवार के सदस्यों को सांत्वना देने पहुंचे सनेश विश्वकर्मा ,आदेश विश्वकर्मा ,राजेश प्रजापति ,कृष्ण ठाकुर, वीरेंद्र विश्वकर्मा, अवधेश विश्वकर्मा सहित लोगों ने बताया कि बाना स्कूल के सामने मुख्य मार्ग में बिजली पोल रखकर ब्रेकर नहीं बनाया गया होता तो सुनील के साथ ऐसा दुर्घटना नहीं होता।
इधर बाना मुख्य मार्ग पर बिजली पोल का खंभा रखकर ब्रेकर बनाए जाने के संबंध में पूछने पर उत्क्रमित उच्च विद्यालय हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक आसिफ शेख ने बताया कि विगत 6 नवंबर को मोटरसाइकिल के चपेट में आने के कारण वर्ग 10 की छात्रा चांदनी कुमारी पिता गिरजा सिंह की सर में चोट लगने के कारण घायल हो गई थी जिसका इलाज अभी भी रांची में चल रहा है। उनके द्वारा ग्रामीणों के साथ मेराल थाना एवं अनुमंडल पदाधिकारी गढ़वा को हाई स्कूल के सामने मुख्य सड़क पर ब्रेकर बनाए जाने को लेकर लिखित आवेदन दिया है। फिर से दोबारा बच्चों के साथ कोई दुर्घटना ना हो जाए। ऐसी स्थिति में वह ग्रामीणों के साथ मिलकर मुख्य सड़क पर बिजली खंभा पोल रखकर मिट्टी डालकर के ब्रेकर बनावाए हैं। ब्रेकर बनवाने का उनका मुख्य उद्देश्य सिर्फ दुर्घटना को रोकना है।