सांसदी गंवाने वाली महुआ मोइत्रा के पास अब क्या है विकल्प, क्या वापस होगा फैसला?
सांसदी गंवाने वाली महुआ मोइत्रा के पास अब क्या है विकल्प, क्या वापस होगा फैसला?
कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की सांसदी रद्द कर दी गई। शुक्रवार को एथिक्स कमिटी के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने सदन में जांच रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट पर सुनवाई के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने महुआ मोइत्रा की सांसदी रद्द कर दी। सवाल है कि क्या महुआ मोइत्रा का लोकसभा से निलंबन वापस लिया जा सकता है। टीएमसी सांसद के पास कौन-कौन से कानूनी या संवैधानिक विकल्प हैं। गौरतलब ये है कि टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने निलंबन के फैसले को लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताया है वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि किस सदस्य को कौन सी सजा देनी है, यह तय करने का अधिकार एथिक्स कमिटी को नहीं है। टीएमसी सांसदों का कहना है कि महुआ को सदन में अपना पक्ष रखने का पर्याप्त मौका नहीं दिया गया है।
क्या वापस हो पायेगी महुआ मोइत्रा की सांसदी
बड़ा सवाल है कि क्या महुआ मोइत्रा की सांसदी रद्द करने का फैसला वापस लिया जा सकता है। महुआ मोइत्रा के पास क्या विकल्प हैं। संविधान के जानकारों का कहना है कि महुआ मोइत्रा के पास पांच विकल्प हैं जिनसे उनको राहत मिल सकती है। हालांकि, इसकी 100 फीसदी गारंटी नहीं है। जानकारों के मुताबिक महुआ संसद से अनुरोध कर सकती हैं कि फैसले की समीक्षा की जाए। मौलिक और प्राकृतिक अधिकारों के उल्लंघन का हवाला देकर शीर्ष अदालत जा सकती हैं। या तो महुआ मोइत्रा फैसले को स्वीकार कर लें और 4 महीने बाद प्रस्तावित लोकसभा चुनाव में लड़ें। इसके अलावा महुआ मोइत्रा एथिक्स कमिटी के अधिकार क्षेत्र को भी चुनौती दे सकती हैं। वह कह सकती हैं कि कार्रवाई दरअसल पूर्वाग्रह से ग्रस्त थी और इसमें जांच या सुनवाई का मामला विशेषधार समिति को देखना था न कि एथिक्स कमिटी को। इसके अलावा महुआ मोइत्रा दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल मानहानि के मुकदमे के जरिए भी राहत मांग सकती हैं।
गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लगाए थे आरोप
गौरतलब है कि महुआ मोइत्रा पर झारखंड के गोड्डा से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने लगाया था आरोप। निशिकांत दुबे ने तब सदन में कहा था कि पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा की ओर से 2019 से 2023 के बीच कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने 61 सवाल पूछे। आरोप था कि महुआ मोइत्रा ने अपनी संसदीय लॉगइन और पासवर्ड दूसरे शख्स के साथ शेयर किया। इस मामले को एथिक्स कमिटी ने संज्ञान में लिया था। एथिक्स कमिटी ने इस बाबत महुआ मोइत्रा से सवाल पूछा था। क्वेश्चनिंग के दौरान ही महुआ वॉकआउट कर गई थीं। महुआ ने आरोप लगाया कि कमिटी के मेंबर्स ने उनसे बेहद निजी सवाल पूछे जो गैरजरूरी थे।
