रजिस्टर टू का नकल नहीं देने के विरोध में किसान जनता पार्टी का अनिश्चितकालीन धरना

किसानों से रुपैया लेने के बाद भी तिसरी अंचल अधिकारी द्वारा रजिस्टर टू का नकल नहीं देने के विरोध में किसान जनता पार्टी का अनिश्चितकालीन धरना
गिरिडीह :- शुल्क लेकर भी तिसरी अंचल अधिकारी द्वारा 32 मौजा के किसानों को पंजी टू नहीं देने के विरोध में किसान जनता पार्टी का अनिश्चितकालीन धरना किजपा के तिसरी अंचल अध्यक्षा नीलम कुमारी के अध्यक्षता में शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। धरना को संबोधित करते हुए किसान जनता पार्टी के कार्यालय सचिव विजय कुमार ने कहा कि तिसरी अंचल अधिकारी भूमाफियाओं का कठपुतली बन रहे हैं। भूमाफिया जैसे जैसे उनको नचा रहे हैं वैसे वैसे वे नाच रहे हैं। किजपा के जिला उपाध्यक्ष कुदरत अली ने कहा कि रजिस्टर टू के प्रमाणित प्रतिलिपि के लिए राशि लेकर नाजीर रसीद काटने के 23 दिन बाद भी भूमाफियाओं के दबाव में अंचल अधिकारी किसानों को रजिस्टर टू नहीं दे रहे हैं और टाल मटोल करने में लगे हुए हैं जो प्रशासन और सरकार के लिए शर्म से डूब मरने की बात है। तिसरी अंचल की अध्यक्षा नीलम कुमारी ने कहा कि अंचल अधिकारी को एक सप्ताह पूर्व धरना देने का लिखित सूचना दिया गया गया फिर भी अंचल अधिकारी अनिश्चितकालीन धरना को गैर कानूनी बता रहे हैं। पैसा लेकर भी रजिस्टर टू का नकल नहीं देना गैर कानूनी है या कानून सम्मत है यह उन्हें बताना चाहिए। दूसरे दिन के धरना में गोलगो, बेड़मी, चंदवा पहाड़ी, जमामो, रिझनी, असुरहाडी, बिरनी, दलपेड़ीह, किशूटांड़, बुढ़ना, निहालपुर, सेवाटांड, जिनाडीह, खाखोढाब, लपरियार, बारहमोरिया, तिसरी, अंजनवा, सिरसिया, दुलियाकर्म, गड़कुरा, गुमगी, चिल गिली, तीसरो, लालपुर, गोलगो, कानीचिहार, हड़हाड़ा, पचरुखी, करणपुरा, बरदोनि, मनसाडीह, सकसकिया, गंजवापेश्रा, भंडारी और टिकुलिया मौजा के रजिस्टर टू का प्रमाणित प्रतिलिपि देने की मांग किया जा रहा है। अनिश्चितकालीन धरना में शनिवार को दासो मुर्मू, नीलम देवी,खुशबू देवी, संगीता मरांडी, सुमनी सोरेन, हीरामणि बासके, पानो हेंब्रम, बैजून मुर्मू, उर्मिला मुर्मू, रबीना टुडू, जोसील मरांडी, तालो हेम्बम, बसिया टुडू, मुन्ना टुडू, रघु मुर्मू, हिरामन राय, ललिया देवी,सुनीता मरांडी, कुदरत अली, बड़की किस्कू, बिनोद सोरेन, मानूएल हंसदा, सरिता मरांडी बिना बास्के, अकली हंसदा, चमेली देवी, मुन्नी हेंब्रम, छोटकी मरांडी, सहित सैकड़ों किसान बैठे हुए हैं।