पोषण पखवाड़ा: विद्यार्थियों को जंक फूड से दूर रहने और योगाभ्यास की दी गई सलाह
पोषण पखवाड़ा के तहत विद्यार्थियों को जंक फूड से दूर रहने की दी गई सलाह। बच्चों को नियमित योगाभ्यास करने पर बल दिया गया। आज स्थानीय जीएन कॉन्वेंट (10+2)स्कूल में सीबीएसई द्वारा जारी निर्देश के अनुसार पोषण पखवाड़ा के अंतिम दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम कक्षा तीन से सातवीं तक के विद्यार्थियों द्वारा नियमित योग और प्राणायाम करने को लेकर अभ्यास वर्ग कार्यक्रम चलाया गया। सबसे पहले असेंबली में सभी बच्चों को पीटी एवं ड्रिल का अभ्यास हुआ।कार्यक्रम में उपस्थित सभी बच्चों को स्कूल के निदेशक सह शिक्षाविद एमपी केशरी ने संबोधित करते हुए कहा कि अपोषणीय खाद्य पदार्थ तथा तली-भुनी चीज खाने से शरीर को नुकसान पहुंचता है जबकि पारंपरिक और पौष्टिक भोजन खाने से कई फायदे होते हैं। खानपान पर परहेज रखने पर पेट सम्बंधित बीमारी से बचा जा सकता है। उन्होंने पोषण व स्वास्थ्य और स्वच्छता पर विशेष बल दिया। वहीं जूनियर वर्ग के इंचार्ज खुर्शीद आलम ने कहा कि बच्चे अपने लंच बॉक्स में हमेशा पारंपरिक और पौष्टिक भोजन ही लाएं।उन्होंने बच्चों को चाऊमीन, पास्ता,पिज़्ज़ा, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक जैसे चीजों से दूर रहने की सलाह दी।उन्होंने माता-पिता और अभिभावकों से भी अपील की है कि वह अपने बच्चों के टिफिन में पौष्टिक भोजन ही दें, जंक फूड नहीं दें उन्हें घर में भी जंक फूड का प्रयोग न्यूनतम करने को कहा ताकि बच्चे स्वस्थ रहें। इस कार्यक्रम में बच्चों को योगाभ्यास व प्राणायाम प्रतिदिन करने की महत्व को बताया गया। योगाभ्यास के उपरांत बच्चों को उत्साह वर्धन करने के लिए कई आसन व प्राणायाम भी कराया गया जिससे उनमें स्वास्थ्य के प्रति ज्ञान और अनुशासन का विकास हो। इस अवसर पर कार्यक्रम पदाधिकारी ऋषभ श्रीवास्तव,शिवानी गुप्ता, सरिता दुबे, रागिनी कुमारी व अन्य का योगदान सराहनीय रहा। कार्यक्रम का संचालन दशम वर्ग का छात्र कृष्णा केशरी व नवम वर्ग का भास्कर तिवारी और धन्यवाद ज्ञापन दशम वर्ग की छात्रा शालिनी ने किया।


