पलामू के सतबरवा में बकरीद की नमाज अदा, इमाम ने दिया इंसानियत और मोहब्बत का पैगाम
पलामू जिले मुख्यालय अंतर्गत सतबरवा प्रखंड में ईद-उल-अजहा (बकरीद) के अवसर पर जामा मस्जिद एवं ताहा मस्जिद सतबरवा में क्रमश: 7:30 एवम 7:45 में नमाज अदा की गई. नमाज के बाद लोगों ने एक-दूसरे को मुबारकबाद दी. सुबह 5 बजे से ही ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर जामा मस्जिद में नमाज अदा करने लोग इकट्ठा होना शुरू हो गए थे. बकरीद के अवसर पर लोगों ने सुबह नमाज अदा करने के बाद एक दूसरे को गले लगाकर मुबारकबाद भी दी. जामा मस्जिद इलाके में पुलिस के जवान भी मुस्तैदी के साथ खड़े हुए नजर आए.
इस साल 07 जून को बकरीद में मनाया जा रहा है। बकरीद को ईद उल-अजहा भी कहा जाता है. इस दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है. इस्लाम में ईद उल-अजहा के दिन बकरे की कुर्बानी का विशेष महत्व बताया गया है. इस्लाम धर्म में बकरीद को बलिदान का प्रतीक माना जाता है.।
जामा मस्जिद के इमाम मौलाना तौफीक आलम मिस्बाही ने कहा कि आज का दिन कुर्बानी का दिन है। ये कुर्बानी हमे संदेश देता है कि जिस तरीके से आज के दिन हम कुर्बानी दे रहे है , उसी तरीके से तमाम लोग अपनी अंदर के बुराइयों की भी कुर्बानी दें। लोग हमेशा मिल-जुल कर मोहबत के साथ जिंदगी गुजारें। नफरत, घमंड और गुरुर के साथ नहीं बल्कि मोहाब्बत फैलाएं। साथ ही उन्होंने कहा ही कुर्बानी के दौरान साफ सफाई का खास ध्यान रखे तथा कोई भी ऐसा कार्य नहीं करे जिससे अन्य संप्रदाय के लोगों को तकलीफ पहुंचे, क्योंकि हमारे पैगम्बर साहब का कहना है कि किसी को तकलीफ पहुंचाकर खुशी मनाना जायज़ नहीं है। इस मौके पर शाहनवाज आलम, नौशाद आलम, मो दिलनवाज आलम, मो अताउलाह, ताहिर फिरोज , मो अदनान अशरफ, मो शमसाद खान, मो मोजाहिद हुसैन, ताहा खान, मो तमशीर, मो समीर, मो अनीस, मो नासिर, सैफुलाह, राजा खान, इत्यादि मौजूद थे।
