“नीलांबर-पीताम्बर विश्वविद्यालय में अव्यवस्थाओं पर एबीवीपी ने जताई नाराजगी”

गढ़वा:–अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राज्य विश्वविद्यालय कार्य सह संयोजक मंजुल शुक्ल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि नीलांबर-पीताम्बर विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति नियुक्त हुए एक महीना गुजर गया। स्थाई कुलपति नियुक्त होने से विश्वविद्यालय एवं अंगीभूत महाविद्यालयों की स्थिति में सुधार की अपेक्षा की जा रही थी, लेकिन माननीय कुलपति महोदय पिछले एक महीने में सिर्फ आश्वासन और चर्चा तक ही सीमित हैं । विश्वविद्यालय के अंगीभूत महाविद्यालयों में वैसे विषयों के शिक्षक जो अपने विषय में अकेले कार्यरत हैं,उनको भी विश्वविद्यालय में नियुक्त कर महाविद्यालय की पठन- पाठन कार्य को बाधित किया गया है। स्नातक सेमेस्टर 5 के परीक्षा परिणाम जारी किए बगैर परीक्षा 6 का परीक्षा फॉर्म भरा जा रहा है। जबकि अंतिम सत्र में परीक्षा के प्रतिभाग होने के लिए सेमेस्टर 5 उत्तीर्ण/प्रमोट होना अनिवार्य है। परीक्षा विभाग में विभिन्न कोर्स के अंतिम सत्र की परीक्षा का आयोजन के लिए कोई योजना नहीं है, जबकि सत्र लगभग डेढ़ साल से विलंब है। डिग्री और माइग्रेशन के लिए विद्यार्थियों को लंबे समय तक प्रतीक्षा करना पड़ता है। कुलपति महोदय छात्र हितों में कार्य करने के बजाय आम छात्रों को परेशान करने वाले निर्णय ले रहे हैं। विश्वविद्यालय अपने कार्य क्षेत्र में तीन जिलों को समाहित करता है, काफी लंबी दूरी तय कर विद्यार्थी विश्वविद्यालय पहुंचते है। ऐसे में कुलपति से मिलने हेतु निश्चित समय और संख्या निर्धारित करना उचित नहीं है। इस निर्णय से विश्वविद्यालय मुख्यालय से बाहर के विद्यार्थी कुलपति से नहीं मिल पाएंगे। कुलपति से मिलने का समय-सीमा और संख्या तय होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसमें तत्काल बदलाव की आवश्यकता है और विद्यार्थी हित में कार्य करने की जरूरत है। लगभग 2 वर्ष के लंबे समय बाद कुलपति नियुक्ति होने से विद्यार्थियों एवं अभिभावकों में काफी उम्मीद है और वे विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों में सुधार हेतु आशान्वित हैं। कुलपति महोदय से मुलाकात का समय और संख्या में बदलाव नहीं होने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आम विद्यार्थियों के साथ मिलकर आंदोलन करेगी।