मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का 21 अगस्त को मेदिनीनगर दौरा “भारत बंद” को विफल करने की साजिश: –शत्रुघ्न कुमार शत्रु

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन का 21 अगस्त को मेदिनीनगर आगमन “भारत बंद” को विफल कराने का षडयंत्र: शत्रुघ्न कुमार शत्रु
18 अगस्त 2024(मेदिनीनगर)
झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने आज मेदिनीनगर स्थित पटेल नगर आवास पर प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा है कि आगामी 21 अगस्त 2024 को राज्य के माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन का मेदिनीनगर आगमन एससी-एसटी संवर्गों द्वारा आरक्षण में वर्गीकरण के खिलाफ आयोजित देशव्यापी “भारत बंद” को पलामू में विफल करने का सरकारी षडयंत्र है,जिसकी हम कड़ी आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री जी के आगमन की तिथि को आगे बढाने की मांग सरकार से करते हैं।
प्रेस को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन जी के साथ झारखण्ड कांग्रेस व राजद को यह नहीं भूलना चाहिए कि अभी हाल ही में सम्पन्न लोकसभा चुनाव में जागरुक दलितों का बड़ा समूह ने इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कर उनके साथ एकजुटता प्रकट किया था, लेकिन अफसोस कि बात है कि राज्य के आदिवासी संवर्ग से आनेवाले मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन जी मनुवादियों के इशारे पर ना केवल देशव्यापी बंदी को विफल करने का षडयंत्र रच रहे हैं,बल्कि चौकीदार व वनों के क्षेत्र पदाधिकारियों की बहाली में एससी आरक्षण रोस्टर का गला घोंटकर अनुसूचित जातियों के हितों पर कुठाराघात कर रहे हैं,जो निंदनीय है।
प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा है कि पिछले चुनाव में संविधान हाथ में लेकर संविधान व आरक्षण बचाने के नाम पर दलितों वोटों को प्राप्त करने में सफल रहे कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन का नापाक व आरक्षण विरोधी चेहरा सामने आ गया है।जिस तरीके से तेलंगाना व कर्नाटक की कांग्रेस शासित सरकारों ने एससी एसटी आरक्षण वर्गीकरण को लागू कर एससी एसटी आरक्षण को समाप्त करने की हिमाकत की है,उसका जवाब आनेवाले चुनाव में उन्हें अवश्य मिल जाएगा। वार्ता को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार द्वारा एससी एसटी आरक्षण में क्रिमिलेयर को लागू नहीं करने की घोषणा एक छलावा है,जब तक मोदी सरकार संविधान संशोधन संबंधी अध्यादेश लाकर एससी-एसटी आरक्षण को संविधान की 9 वीं अनुसूची में नहीं शामिल करती है,तबतक हमारा देशव्यापी आंदोलन जारी रहना चाहिए। पलामू के सभी प्रखण्डों व पंचायतों में एससी एसटी संवर्ग समेत सभी मूलवासी संगठनों के सभी लोगों को एकजुट होकर बंदी को सफल बनाने में लगना चाहिए।साथ ही बंदी में अति आवश्यक व आपातकालीन सेवाओं को बंद से मुक्त रखना चाहिए।