कोई आवश्यकता नहीं मुझे नेत्र की,मैं राम की उंगली पकड़ के चलता हूँ : जतिन कुमार मंडल

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कोई आवश्यकता नहीं मुझे नेत्र की,मैं राम की उंगली पकड़ के चलता हूँ : जतिन कुमार मंडल

कला एवं समाज सेवा को समर्पित संस्था पं. हर्ष द्विवेदी कला मंच , नवादा (गढ़वा) के द्वारा नवोदित रचनाकारों को समर्पित काव्यानुरागी का आयोजन बंधन मैरेज हॉल , नवादा मोड़ ,गढ़वा में किया गया।
काव्यानुरागी के इस चतुर्थ ऐतिहासिक आयोजन का शुभारंभ भगवान नटराज की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन व पुष्पार्चन के साथ किया गया। दीप प्रज्वलन मंत्र व पुष्पार्चन मंत्र गढ़वा जिले की योग साधिका अर्चना कुमारी ने किया तथा शंख वादन संस्कार भारती गढ़वा जिला इकाई की सहमंत्री अंजलि शाश्वत ने किया। गणेश वंदना की प्रस्तुति राजकीय मध्य विद्यालय चिरौंजिया की छात्राओं के द्वारा की गई जिसका निर्देशन उसी विद्यालय के शिक्षक राम प्रदीप राम ने किया।
काव्यानुरागी के इस चतुर्थ आयोजन में मुख्य रूप से जतिन कुमार मंडल उपस्थित हुए।उन्हें कला मंच की ओर से अंग वस्त्र, नारियल, बाबा बंशीधर का चित्र तथा सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
साथ ही जतिन का सम्मान विश्व हिन्दू परिषद्, बजरंग दल तथा दुर्गा वाहिनी के दायित्वधारियों के द्वारा भी किया गया। बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर के रहने वाले सत्रह वर्षीय जतिन कुमार मंडल दृष्टि हीनता के कारण मात्र तीसरी कक्षा तक ही पढ़ाई कर पाए हैं। कोरोना काल से कविता रचने की शुरुआत करने वाले जतिन की रचनाओं को सुनकर ओज के राष्ट्रीय कवि डॉ. हरिओम पंवार ने उनकी पढ़ाई का सारा जिम्मा ले लिया है। जतिन कुमार ने अपना परिचय देते हुए कहा कि
“मैं किसी वेदना की ज्वाला में न जलता हूँ,
मैं तो विपरीत आंधियों में भी संभालता हूँ,
आवश्यकता ही नहीं मुझको नेत्र की कोई,
मैं तो अपने राम की उंगली पकड़ के चलता हूँ।”
इसके अतिरिक्त जतिन ने एक से बढ़कर एक अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। जतिन कुमार मंडल ने बताया कि मुझे गढ़वा में जो अतुल्य स्नेह व सम्मान मिला वह मैं आजीवन नहीं भूल सकूंगा। आप सबों की आत्मीयता अनुभव कर ऐसा लग रहा है कि मैं यहीं रह जाऊं।
काव्यानुरागी नामक इस ऐतिहासिक आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 172वीं वाहिनी के उप कमान अधिकारी यू.आर. रामेश्वरम ने कहा कि मेरे लिए परम सौभाग्य का विषय है कि आज मुझे इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर से पधारे जतिन कुमार मंडल ने जिस प्रकार से विपरीत परिस्थितियों को चुनौती देते हुए काव्य रचना का नया संसार गढ़ा है वह एक दिन उनको वैश्विक पहचान दिलाने में सहायक सिद्ध होगा। मेरी शुभकामना है कि पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच के द्वारा निरन्तर चल रहे नवोदित रचनाकारों को समर्पित यह जो काव्यानुरागी नामक आयोजन है वह अनादि काल तक गतिमान रह कर नित नूतन कीर्तिमान स्थापित करता रहे।
जतिन कुमार मंडल की मार्गदर्शिका रही पूनम रानी तिवारी ने कहा कि जतिन की उपलब्धियों से मुझे ठीक वैसी ही प्रसन्नता प्राप्त होती है जैसे किसी माँ को उसके बेटे की सफलता से खुशी मिलती है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गढ़वा जिला संघ चालक दिनेश कुमार चौबे ने कहा कि जतिन कुमार मंडल का यह गढ़वा आगमन हमारे लिए सौभाग्य का विषय है। जतिन की रचनाधर्मिता से सभी को प्रेरणा लेकर जीवन में सकारात्मकता को अपनाने का प्रयास करना चाहिए।
गढ़वा जिले की प्रथम कवयित्री अंजलि शाश्वत ने
“कहानी कुतर्क से राम नही मिलते,
वो तो प्रेम भरी आँसूओं की बरसात हैं…” प्रस्तुत किया।
अलका कुमारी ने
“मैं तो तेरी हो गई,
बस तू मेरा हो जाए…” प्रस्तुत किया।
जाह्नवी कुमारी ने
“ये ज़िंदगी एक खूबसूरत सफर है…” प्रस्तुत किया।
दीप्ति कुमारी ने किसी की तमन्ना थी ख़्वाब सजाने की…” प्रस्तुत किया।
शिवम चौबे ने बेटा बन के तेरी गोद में खेला हूँ…” प्रस्तुत किया।
सौरभ कुमार तिवारी ने
“मंजिल को हासिल कर के दिखलाओ…” प्रस्तुत किया।ज्योति मालाकार ने
“कोयल जैसे चहकते थे वो…”
प्रस्तुत किया।
शान्वी मधुकर ने
कितना अच्छा हो अगर,
मैं बादल बन जाऊं…” प्रस्तुत किया।
नीरज मालाकार ने
नई ज़िंदगी नई मुलाकाते हैं…”
प्रस्तुत किया।
गंगेश पांडेय ने नदी तो सही है,
आज भी वही है,उसका बहना वही है उद्गम, तीर्थ भी वही है…”
प्रस्तुत किया।
अरविंद कुमार तिवारी ने
“बहुत कइली चौका पानी,
अब ना चली मनमानी,
कहे देशवा के बेटी ललकार के, नीति बा सरकार के…”
प्रस्तुत किया।
पवन कुमार पांडेय ने
“पढ़िहा लिखिहा कोनो भासा, बतिअइहा भोजपुरी में…”
प्रस्तुत किया।
अद्भुत प्रभात ने है अति भोली निगोड़ी रे नेह,
को जानत कौन द्वारे ठगाए…”
प्रस्तुत किया।
प्रमोद कुमार ने घर-घर जब यह दीप जले, दर-दर अब यह दीप जले…” प्रस्तुत किया।
विषय प्रवेश कराते हुए कला मंच के निदेशक नीरज श्रीधर स्वर्गीय ने कहा कि अंजलि शाश्वत की परिकल्पना पर आधारित काव्यानुरागी नामक कार्यक्रम के माध्यम से नवोदित रचनाकारों को मंच प्रदान कर उनका उत्साहवर्द्धन करने के साथ-साथ स्थापित कवियों द्वारा नवोदितों का मार्गदर्शन भी किया जाता है।
इस आयोजन में उमाकांत पांडेय, विकास अधिकारी सूर्यदेव दुबे , झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई सम्मान से सम्मानित पूजा सिंह, विश्व हिन्दू परिषद् के जिला संयोजक सोनू सिंह , बजरंग दल के शुभम केशरी ,सतीश कुमार द्विवेदी , नितिन तिवारी , पतंजलि के जिला प्रभारी नागेन्द्र तिवारी, राम प्रदीप राम ,गौतम ऋषि , ,कौसर अंसारी ,आलिया परवीन,सादिया मुस्कान सहित काफी लोग उपस्थित थे।
अयोजन को सफल बनाने में बंधन मैरेज हॉल के स्वामी ललन सोनी , नितिन तिवारी , धर्मेंद्र दुबे , मनोज कांस्यकार ,शिवम चौबे, पुरुषोत्तम सिंह चंदेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस कार्यक्रम का संचालन 2023 की झारखंड की युवा सांसद सह संस्कार भारती गढ़वा जिला इकाई की सहमंत्री अंजलि शाश्वत ने किया।
कार्यक्रम का समापन योग साधिका अर्चना कुमारी द्वारा किए गए शान्ति पाठ के साथ हुआ।

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