झूठ के खिलाफ सच का पैगाम है मुहर्रम: अविनाश देव
मेदिनीनगर।
यजीद इस्लामिक दुनिया का खलीफा बना था और अपनी बात मनवाने पर आमादा रहता था। हजरत साहब के नवासे हुसैन साहब यजीद के बात मानने से इनकार कर गए। बहुत यातना के बाद हुसैन साहब दसवें दिन कर्बला के मैदान में अपना शहादत दे दिए,लेकिन झूठी बात मानने से इनकार कर गए। सच के लिए शहीद होना पसंद किए लेकिन झूठ नहीं बोला अपने पैगम्बर के बातों पर आखिरी सांस तक अडिग रहे।
उक्त बातें मुहर्रम के मौके पर संत मरियम स्कूल के चेयरमैन अविनाश देव ने प्रार्थना सभा में कही। मोहर्रम के महता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जिस प्रकार किसी भी गंतव्य तक पहुंचने के लिए विभिन्न मार्गों का चयन करते हैं उसी प्रकार परमात्मा को प्राप्त करने के लिए विभिन्न धर्म पंथ को अपनाया गया है। लेकिन हम सब एक का ही संतान है इसलिए सभी समुदायों के आस्था को सम्मान करना ही परमात्मा का सम्मान। हमारा देश का कानून भारतीय संविधान तय करता है जो संविधान कहता है उसके साथ खड़ा रहना है। आप सब भारतीय संविधान को आगे चल कर जाने और समझेंगे। हमारे देश में भी कुछ अराजकतावादी लोग अपनी कानून मनवाने के लिए आमादा रहते हैं लेकिन संविधान इसका इजाजत नहीं देता है। हमारे देश के नौजवान भी अपनी कुर्बानी दी है और फांसी के फंदे को भी चुम्मा है। हमेशा आप सभी को सत्य के साथ खड़े रहना है क्योंकि देश का सदवाक्य है- सत्यमेव जयते। इसीलिए हमने कहा झूठ के खिलाफ सच का पैगाम
