गढ़वा सदर अस्पताल की बदहाल व्यवस्था पर मरीजों के परिजनों का हंगामा,

गढ़वा सदर अस्पताल की व्यवस्था सुधारने का नाम नहीं ले रहा है। जिसे लेकर सदर अस्पताल में आए दिन मरीज के परिजनों के द्वारा हंगामा किया जा रहा है। पिछले एक महीने से सदर अस्पताल की स्थिति कम बेस वैसे ही है।सदर अस्पताल में बुधवार को इमरजेंसी ड्यूटी में चिकित्सक को नहीं रहने के कारण मरीज के परिजनों ने जमकर हंगामा किया। मरीज के परिजनों का आरोप था। कि पिछले 3 घंटे से सदर अस्पताल में हैं। लेकिन उसका समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है। 2 बजे ओपीडी चिकित्सक के द्वारा उक्त ओपीडी में देखा देखने के बाद जांच के लिए विभिन्न तरह के जांच लिखा गया था। जांच का रिर्पोट लेकर जब लौटे तब तक चिकित्सक चले गए स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि अब चिकित्सक अब इमरजेंसी ड्यूटी में बैठेंगे। लेकिन मरीज ने कहा की पिछले 1 घंटे से इमरजेंसी गेट पर बैठे हुए हैं। लेकिन कोई भी चिकित्सक देखने नहीं पहुंचे। इस बीच सड़क दुर्घटना के एक मरीज सदर अस्पताल में तड़प रहा था। लेकिन उसे भी किसी ने नहीं देखा। इसी बीच जहरीला जंतु के काटने से एक युवती सदर अस्पताल में पहुंची थी। इसी बीच मरीज के परिजनों ने इसकी सूचना जिला परिषद के उपाध्यक्ष सत्यनारायण यादव को दिया। उपाध्यक्ष के द्वारा इसकी सूचना तत्काल सदर अस्पताल के उपाधीक्षक व सिविल सर्जन गढ़वा को फोन के माध्यम से दिया। इसके बाद सिविल सर्जन व उपाधीक्षक सदस्य अस्पताल पहुंचे। मरीज को परेशान देख उपाध्यक्ष ने सिविल सर्जन से पूछा इमरजेंसी ओपीडी कौन सी चिकित्सा का ड्यूटी है। ड्यूटी के बावजूद भी उक्त चिकित्सक क्यों गायब हैं। इसी बीच मरीजों का भी आक्रोश फूटा और मरीज के परिजनों ने कहा कि सदर अस्पताल की यह स्थिति कोई नई नही है। हर दिन इसी तरह मरीजों को चिकित्सक के इंतजार में बैठना पड़ता है। कई बार तो चिकित्सक के नहीं रहने पर मौत हो चुका है।
उधर उक्त मामले में उपाध्यक्ष सत्यनारायण यादव ने स्वास्थ्य मंत्री बना गुप्ता को आवेदन लिखकर कार्यवाही करने का भी मांग की बात कहा है। उन्होंने कहा कि यह सदर अस्पताल ही नहीं बल्कि पूरे जिले की अस्पताल की यही स्थिति है। कहीं चिकित्सक तो कहीं दवा की कमी लगातार बरकरार रहता है।
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉक्टर अशोक कुमार ने कहा कि चिकित्सक रवि कुमार की ड्यूटी इमरजेंसी ओपीडी में लगाया गया था। वह किस कारण से ड्यूटी नहीं पहुंच पाए। उनसे शो कोज किया जाएगा। फिलहाल उनका वेतन बंद करते हुए कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज से एक माह तक लगातार उनकी जहां भी ड्यूटी होगी नियमित रूप से ड्यूटी करेंगे तो उनका वेतन पुनः शुरू किया जाएगा।