भारत में नेपाल-पाकिस्तान से ज्यादा ‘भुखमरी’? सरकार ने वैश्विक भूख सूचकांक रिपोर्ट को बताया गलत
भारत में नेपाल-पाकिस्तान से ज्यादा ‘भुखमरी’? सरकार ने वैश्विक भूख सूचकांक रिपोर्ट को बताया गलत
वैश्विक भूख रिपोर्ट (Global Hunger Index)-2023 में भारत 125 देशों की सूची में 111वें स्थान पर है।
इस सूची में पाकिस्तान 102, नेपाल 69, श्रीलंका 60 और बांग्लादेश 81 पर है।
जो भारत से ज्यादा बेहतर स्थिति में हैं।
सूची में भारत को 28.7 जीएचआई प्वॉइंट मिले हैं तो भूखमरी के मामले में अत्यंत गंभीर श्रेणी को दर्शाता है।
गुरुवार को यह रिपोर्ट प्रकाशित की गई है जिसे केंद्र की मोदी सरकार ने तुरंत खारिज कर दिया।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने रिपोर्ट को भ्रामक और झूठा बताया।
यह रिपोर्ट जर्मनी-आयरलैंड की संस्था तैयार करती है
बता दें कि यह रिपोर्ट आयरलैंड की कंसर्न वर्ल्ड वाइड और जर्मनी की वेल्ट हंगर हाईलाइफ नाम की संस्थाएं द्वारा तैयार कि जाती है।
इसमें भुखबरी को लेकर वैश्विक अभियानों की उपलब्धि या नाकामी का आकलन किया जाता है, संस्थाएं प्रतिवर्ष यह सर्वे रिपोर्ट पेश करती है।
वैश्विक भूख सूचकांक की रिपोर्ट देखें और इसमें बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान आदि देशों की रैंकिंग की भारत से तुलना करें तो पूरे दक्षिण एशिया में भारत की स्थिति बहुत बुरी है।
इसी वर्ष तालिबान शासन के अंतर्गत आया अफगानिस्तान ही 114वें रैंक के साथ भारत से पीछे है।
कहां पर पिछड़ा है भारत वैश्विक भूख सूचकांक में !
वैश्विक भूख सूचकांक के मुताबिक भारत में कुपोषण की दर बढ़ी है और यह 16.6 फीसदी है।
बाल मृत्यु दर 3.1 फीसदी है। महिला पोषण की बात करें तो 15-24 वर्ष की भारतीय महिलाओं में एनीमिया की दर 58.1 फीसदी है।
इस सूचकांक में भारत की स्थित लगातार गिरी है। वर्ष 2022 में भारत 121 देशों की सूची में 107वें नबंर पर था। 2021 में 101वें स्थान पर था।
भारत सरकार ने रिपोर्ट को भ्रामक बताया
भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को सिरे से नकार दिया है।
पीटीआई के हवाले से छपी खबर के मुताबिक भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने वैश्विक भूख सूचकांक को झूठा और भ्रामक बताया।
उन्होंने कहा कि यह सही तस्वीर पेश नहीं करता,सरकार ने इसे वैश्विक स्तर पर भारत की छवि धूमिल करने की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि इसमें जो आंकड़े रखे गए हैं वह पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं करते।
