“बांग्लादेश में इस्लामी संगठन ने की सभी मूर्तियों को तुड़वाने की मांग, इस्लामी शासन लागू करने का दावा।”

बांग्लादेश की संस्कृति में कला और संगीत का महत्व कितना भी क्यों न हो, लेकिन यह कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों को पसंद नहीं है. वे देश में शरिया कानून लागू करना चाहते हैं, उनका मानना है कि इस्लामी निजाम आने के बाद ही लोगों को इंसाफ मिल सकता है. बांग्लादेश में इस समय ‘हिफाजत-ए-इस्लाम’ कट्टरपंथी मुसलमानों का सबसे बड़ा संगठन बन चुका है. बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा और मंदिरों पर हुए हमलों में भी इस संगठन का नाम आया है. यह संगठन साल 2021 में पीएम मोदी की बांग्लादेश यात्रा का भी विरोध कर चुका है.