अस्वस्थ व्यक्तियों की संख्या में वृद्धि से देश को लकवा मारने का खतरा – डॉक्टर जी.एन. खान, प्राचार्य

अस्वस्थ व्यक्तियों की संख्या में वृद्धि से देश को मार जाता है लकवा – डॉक्टर जी.एन. खान प्राचार्य ।
शिक्षा सामाजिक बदलाव की कुंजी है- सी.बी.एस.ई सिटी कोऑर्डिनेटर पलामू ।
एम.के.डी.ए.वी.में चल रहे दो दिवसीय ‘ स्कूल हेल्थ एंड वैलनेस ‘ कार्यक्रम का हुआ समापन ।
18 अगस्त 2024 को एम.के.डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल डाल्टनगंज में सी.बी.एस.ई पटना क्षेत्र द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय ‘ स्कूल हेल्थ एंड वैलनेस ‘ कार्यक्रम का समापन हो गया। आज का प्रथम सत्र ‘ लैंगिक समानता ‘ विषय पर सी.बी.एस.ई की रिसोर्स पर्सन श्रीमती रवीना श्रीवास्तव ने शुरू किया। यह सत्र अत्यधिक रोचक रहा, जिसे पी.पी.टी एवं वीडियो द्वारा स्पष्ट करते हुए व्यापक वर्णन किया गया। सभी प्रशिक्षु शिक्षक उत्साह पूर्वक प्रतिभाग कर रहे थे। प्रशिक्षुओ को पोस्टर बनाने एवं प्रश्न हल करने को भी दिए गए।
आज के दूसरे सत्र की शुरुआत डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल्स झारखंड क्षेत्र आई के सहायक क्षेत्रीय अधिकारी सह सिटी कोऑर्डिनेटर सी.बी.एस.ई पलामू, गढ़वा, लातेहार सह प्राचार्य एम.के.डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल डालटेनगंज डॉक्टर जी .एन खान ने की। डॉक्टर जी .एन. खान ने ‘ न्यूट्रिशन हेल्थ एंड सैनिटेशन’ विषय पर अपने विचार विस्तृत रूप से व्यक्त किये। डॉक्टर खान ने बताया कि यह एक ऐसा विषय है जिससे बच्चे, बूढ़े, स्त्री, पुरुष सभी प्रभावित होते हैं । उन्होंने बताया कि शिक्षकों को उचित आहार- विहार,पोषण तत्वों, उनकी कमी से होने वाले नुकसान इत्यादि की जानकारी होनी चाहिए, जिससे वे बच्चों को ठीक से निर्देशित कर सकें । बच्चे ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं। वहां गरीबी एवं शिक्षा की कमी से उनके माता-पिता उन्हें पौष्टिक भोजन नहीं दे पाते हैं, जिससे उनका स्वास्थ्य खराब रहता है। उनकी शारीरिक एवं बौद्धिक वृद्धि अपेक्षित रूप से नहीं हो पाती है। कुछ माता-पिता तो लड़कियों के स्वास्थ्य पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते, जो दो परिवारों के नुकसान का कारण बनता है,क्योंकि एक मां ही बच्चों की प्रथम गुरु होती है। इसलिए स्वामी दयानंद जी ने बालिका शिक्षा पर विशेष बल दिया था। प्राचार्य जी ने स्वामी रामदेव जी के कथन “मैदा नमक चीनी से बचो ” का समर्थन किया । उन्होंने भोजन को संक्रमित होने से बचने हेतु 7C को विस्तार पूर्वक बताया तथा 5F की भी चर्चा की । डॉक्टर खान ने भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम ‘ राष्ट्रीय कृमि दिवस ‘ ( 10 अगस्त एवं 12 फरवरी) की भी चर्चा की। प्राचार्य जी ने कहा कि अगर देश का हर व्यक्ति स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो जाए, तो देश को सुधरने में समय नहीं लगेगा। उन्होंने बताया कि आज देश एवं परिवारों की आमदनी का बड़ा हिस्सा दवाओं पर खर्च हो रहा है। देश के अस्पतालों में बढ़ती भीड़ , बीमार देश की पहचान होती है। अतः हमें स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए एवं बचाव के नित नए तरीकों की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। ‘ स्वच्छ भारत अभियान ‘ की चर्चा करते हुए डॉक्टर खान ने कहा कि भावी पीढ़ी अगर स्वच्छता के मंत्र को अपना ले तो हम भारत को मॉरिशस बना सकते हैं। कार्यक्रम का समापन शांति पाठ के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका श्रीमती मिनाक्षीकर्ण ने किया । इस कार्यक्रम के विद्यालय प्रशिक्षण सहायक श्री नितिन राज थे।