ऐन इंजीनियर्स एकेडमी गढ़वा में बारहवीं के छात्र छात्रों को दी गई विदाई
ऐन इंजीनियर्स एकेडमी गढ़वा में बारहवीं के छात्र छात्रों को दी गई विदाई
गढ़वा:–गढ़वा शहर का सुप्रसिद्ध शिक्षण संस्थान ऐन इंजीनियर्स अकादमी में बारहवीं के छात्र छात्रों का विदाई समारोह का आयोजन उत्सव गार्डन में किया गया ।
समारोह में संस्थान के निर्देशक इंजीनियर रवि रंजन यादव, सह निर्देशक इंजीनियर देव, मोटिवेशनल स्पीकर संतोष कुमार के साथ साथ संस्थान के सभी 14 शिक्षक एवं छात्र मौजूद थे ।
मोटिवेशनल स्पीकर संतोष कुमार ने छात्रों में एक उत्सव भरी और करियर मार्गदर्शन किया ।संस्थान के संस्थापक इंजीनियर रवि रंजन यादव ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि गढ़वा जिले को हमलोगो ने झारखंड के में शिक्षा का हब बनाने का सपना देखा है और वह हर सुविधा जो रांची ,पटना ,दिल्ली जैसे शहरों में वह माहौल गढ़वा के विद्यार्थियों में देने को ठाना है जिसमे सभी का सहयोग अपेक्षित है ।
उन्होंने ने कहा कि एक बात हमेशा याद रखना है पढ़ने का कोई विशेष जगह नही होता पढ़ाई पहाड़ पर रहकर भी की जा सकती है अगर विद्यार्थियों के पास अच्छे किताब का कलेक्शन हो ,अच्छे मार्गदर्शक हो और बच्चो का ईमानदार प्रयास हो ।
गढ़वा में जो परिणाम आ रहे है वो इसके द्योतक हैं।
जमशेदपुर से अरका जैन यूनिवर्सिटी से आए प्रख्यात काउंसलर की टीम द्वारा बच्चों को उनके बेहतर करियर को लेकर मोटिवेट किया गया और कई नए सेक्टर के बारे में भी बताया गया जहां स्टूडेंट अपना बेहतर फ्यूचर के बारे में रुख कर सकते है ।इंजीनियर्स एकेडमी के विद्यार्थियों के अनुशासन,परफॉर्मेंस और उनके इनोवेटिव मूवमेंट देख कर काफी सराहना भी की और कहा बच्चो का यह लेवल इंजीनियर्स एकेडमी के टीम और इसके डायरेक्टर के बेहतर मैनेजमेंट के कारण ही संभव हो पा रहा है।
विदित हो कि ऐन इंजीनियर्स अकादमी गढ़वा शहर का सर्वोत्तम परिणाम देने वाला संस्थान है, जिसकी स्थापना इंजीनियर्स की टीम के द्वारा 7 वर्ष पूर्व की गई थी । गांव से लेकर आज हक संस्थान ने जिले में कई अभूतपूर्व परिणाम दिए है संस्थान के कई विद्यार्थी इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, तथा प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ेंगे है । कई विद्यार्थी का सिलेक्शन आर्मी, एयरफोर्स में हो चुका है । संस्थान लगातार जिला टॉपर देता रहा है ।
निर्देशक इंजीनियर रवि यादव ने कहा कि छोटे शहर में कम फीस में शानदार पढ़ाई देने का लक्ष्य लेकर हम गढ़वा आए है। बहुत हद तक कामयाब हुए है, और आगे हम गढ़वा के बच्चों को बेहतर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

