मेराल विधायक प्रतिनिधि व आनंद मार्ग के सचिव डॉ लालमोहन के पुत्र तरुण कुमार देव का श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
मेराल विधायक प्रतिनिधि व आनंद मार्ग के सचिव डॉ लालमोहन के पुत्र तरुण कुमार देव का श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। वही श्राद्ध कर्म रविवार को आनंद मार्ग विधि से आचार्य हरि कृपा नंद अवधूत के द्वारा संपन्न कराया गया। जिसमें सैकड़ो की संख्या में उपस्थित महिला पुरुष व बच्चों ने बीते सोमवार को वज्रपात की घटना में दिवंगत हुए तरुण कुमार देव (16) की तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया तथा दिवंगत आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखकर ईश्वर से प्रार्थना की। इस मौके पर आचार्य हरि कृपा नंद अवधूत ने कहा की दिवंगत पर श्रद्धा अर्पित करना और परम पुरुष की प्रार्थना करना ही श्राद्ध है। उन्होंने आध्यात्मिक चर्चा करते हुए कहा कि यहां हम सभी एक पात्र के अभिनय की भूमिका में है। जब जिसका अभिनय पूरा हो जाएगा उसे परमात्मा अपने पास बुला लेते है। आनंद मार्ग गढ़वा जिला के भुक्ति प्रधान धर्मेंद्र देव ने कहा कि पूरे ब्रह्मांड में मृत्यु ही सत्य है जैसे शरीर कपड़ा बदलते हैं वैसे ही आत्मा शरीर बदलता है। इसे प्राकृतिक घटना मानकर संतोष करना पड़ता है । उन्होंने कहा कि तरुण विद्या अध्ययन के साथ अध्यात्म में भी रुचि रखता था। उसकी आध्यात्मिक गतिविधि और सेवा कार्य के लिए संस्था द्वारा कई बार पुरस्कृत भी किया गया था। पूर्व भुक्ति प्रधान दिनेश जी ने कहा कि तरुण मेधावी के साथ-साथ अद्भुत प्रतिभा के धनी और संस्कारी था। कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ लालमोहन ने कहा कि तरुण के जाने के बाद गांव घर के साथ-साथ बाहर के सैकड़ो लोग मेरे घर आकर मुझे इस तरह सांत्वना दे रहे थे जैसे की उनका अपना लड़का ही हम लोगों के बीच नहीं रहा हो, जो मेरे लिए संबल का काम किया। उन्होंने दुख की घड़ी में साथ खड़े रहने वालों के प्रति कृतघ्नता व्यक्त करते हुए आभार प्रकट किया। श्राद्ध एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पूर्व सांसद घूरन राम, डॉ रामानुज प्रसाद, गिरिजा नंदन विश्वकर्मा, प्रोफेसर सुवर्णा मेहता, राज मोहन, मुखिया रामसागर महतो, डॉ राकेश कुमार रंजन, रामनाथ चौधरी, भाजपा नेता मनीष गुप्ता, हरेंद्र कुमार द्विवेदी, विजय प्रसाद, मनोज जायसवाल, रोहित कुमार, धनंजय चौधरी, पूर्व जिला पार्षद संजय भगत, विकास सिंह कुशवाहा, विनोद कुशवाहा, मदन यादव, सुषमा कुशवाहा, रंजीत देव, सहित बड़ी संख्या में आनंद मार्गियों के साथ अन्य लोग शामिल हुए।
