हुसैनाबाद के लोहबंधा में ख्वाजा गरीब नवाज की 813 वें उर्स पर जश्ने ईद मिलादुन्नबी का हुआ आयोजन
हुसैनाबाद के लोहबंधा में ख्वाजा गरीब नवाज की 813 वें उर्स पर जश्ने ईद मिलादुन्नबी का हुआ आयोजन
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती खुद भुखे रह कर दुसरे को खाना खिलाते थे: मौलवी युसूफ कादरी
हुसैनाबाद प्रखंड क्षेत्र के सुदूरवर्ती महुडंड पंचायत अंतर्गत लोहबंधा गांव में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ ख्वाजा गरीब नवाज के 813 वें उर्स-ए-पाक मनाया गया।
मंगलवार को छठी शरीफ़ के मौके पर लोहबंधा गांव के मदीना मस्जिद में जश्ने ईद मिलादुन्नबी के महफ़िल सजाई गई।
जश्ने ईद मिलादुन्नबी के आगाज़ मौलवी युसूफ अंसारी कादरी ने कूरॉन पाक की तिलावत व नात पाक से किया। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैहे के उर्स-ए-पाक के नेक मौके पर मदरसा के बच्चे एवं बच्चियां ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
मदरसा के छात्र समशाद आलम ने एक से बढ़कर एक नाते मनकबत पेश किया। ईद मिलादुन्नबी के दौरान मौलवी युसूफ अंसारी कादरी ने अपने बयान में कहा कि हज़रत ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती इस्लाम धर्म के ऐसे महान सूफी संत रहे हैं जिन्होंने इस्लाम के सुखते दरख़्त को फिर से हरा भरा कर किया व गरीबों के मसीहा थे।
ख्वाजा गरीब नवाज खुद भुखे रह कर दुसरे को खाना खिलाते थे, जो दिन दुखियों को दुर करते थे। वें अल्लाह के सच्चे बंदे थे।
मौलवी युसूफ अंसारी कादरी ने अपने बयान में आगे कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज को अल्लाह ने उन्हें रूहानी व गैएबी ताकतें बख्शी थी।
व कहा कि राजा से लेकर रंक नेता से लेकर अभिनेता तक है जो ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की जियारत के लिए लयलित रहते हैं। जिनकी दरगाह शरीफ आज भी भारत के राजस्थान राज्य के अजमेर ही नही बल्कि पूरे हिन्दुस्तान की सरजमीं को रौशन कर रही है ।
जश्ने ईद मिलादुन्नबी के अंत में सलाम पढ़ने की पश्चात फतेहा पढ़ी गई। एवं शिरनी के रूप में लोगों के बीच लंगर खानी चलाया गया। इस नेक मौके पर मौलवी युसूफ अंसारी कादरी, मौलवी इसहाक अनवर कादरी, व मो. समीम, तौकीर अंसारी, हदीस अंसारी, अकबर अंसारी सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।
