ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल में ‘वीर बाल दिवस’ का आयोजन’
‘ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल में ‘वीर बाल दिवस’ का आयोजन’
ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल, मेदिनीनगर के सभागार में दिनांक 26 दिसंबर 2024 दिन गुरुवार को ‘वीर बाल दिवस’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य डॉ॰ ए॰ के॰ सिंह॰ ने उनके छायाचित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की। पश्चात् विद्यालय के अध्यापक, अध्यापिकाओं एवं छात्रों के द्वारा भी पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस कार्यक्रम को ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा प्रतीक्षा प्रभात एवं सृष्टि पाठक के द्वारा हिन्दी व अंग्रेजी में संबोधित किया गया। कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा सृष्टि पाठक ने हिन्दी में गुरु गोविंद सिंह के चारों पुत्रों की जीवनी पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाले। आदित्य गुप्ता, शिवांश पांडे, अक्शा नाज़, रिधम सिंह, वीर सिंह और दिव्यराज सिंह आदि छात्रों द्वारा फतेह सिंह व जोरावर सिंह के जीवन पर आधारित प्रेरणादायक एकांकी का मंचन किया गया।
इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य डॉ॰ ए॰ के॰ सिंह॰ ने अपने उद्बोधन में कहा कि – पंजाबी में सिख शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द शिष्य से हुई है, जिनका अनुवाद सीखने वाला या शिष्य होता है। 1705 में 26 दिसम्बर को इन महान सपूतों को धर्म नहीं बदलने पर दीवार में जिंदा चुनवा दिया था। 9 जनवरी 1922 को गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के मौके पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस के रुप में मनाने की घोषण की थी। अतः उनके शहादत को नमन करने के लिए ही वीर बाल दिवस मनाया जाता है। सिक्खों के दसवें एवं अंतिम गुरु गोविन्द सिंह जी के द्वारा धर्म रक्षा हेतु खालसा पंथ की स्थापना की गई थी। इसी धर्म रक्षा हेतु उनके चारों साहिबज़ादों की शहादत हुई। धर्म रक्षा हेतु दिए गए बलिदान, धर्म परिवर्तन से श्रेष्ठ है। धर्म और देशरक्षा में व्यक्तियों को बलिदान से विमुख नहीं होना चाहिए। ‘वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह’ के सिद्धांत के लिए बलिदान देने वाले बालक फतेह सिंह व ज़ोरावर सिंह निश्चित ही हमारे जीवन के आदर्श बने रहेंगे। शहादत होते समय बालक फतेह सिंह व ज़ोरावर सिंह क्रमशः छह व नौ वर्ष के थे। नैतिकता और सत्य के लिए खड़ा होना जीवन का सबसे बड़ा मूल्य है। प्राचार्य ने अंत में कहा कि औरंगजेब के धर्म के प्रस्ताव को न मानकर अपने धर्म पर अडिग रहे और इस हेतु अपनी शहादत दी। बाल दिवस के अवसर पर कक्षावार पेंटिंग, निबंध लेखन व क्विज़ का आयोजन भी हुआ।
इस अवसर पर मंच संचालन शिक्षक भरतलाल वर्मा द्वारा सफलता पूर्वक किया गया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक तथा शिक्षिकाएँ उपस्थित रहे।
