वनरक्षी अनिश्चित हड़ताल पर, वनभवन रांची डोरंडा में डटे हुए

वनरक्षी अनिश्चित हड़ताल पर वनभवन रांची डोरंडा में जमे हुए हैं
झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ के बैनरतले प्रोन्नति के पद में कटौती के विरोध में वनरक्षी अनिश्चित कालीन धरना पर चले गये. संघ के मंत्री मनोरंजन कुमार तथा जोनल मंत्री रोशन सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा झारखंड राज्य अवर वन क्षेत्र कर्मी संवर्ग नियमावली 2014 में संशोधन करके झारखंड राज्य अवर वन क्षेत्र कर्मी संवर्ग नियमावली 2024 बनाकर वनपाल के शत प्रतिशत प्रोन्नति के पद में कटौती करते हुए 50 प्रतिशत पदों पर सीधी नियुक्ति करने के निर्णय के विरोध में राज्य के सभी वनरक्षी अपने सभी विभागीय कामकाज को छोड़कर 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर चले गये हैं. विदित हो कि 2014 के इस वनरक्षी नियुक्ति नियमावली के अध्याय चार के कंडिका में स्पष्ट प्रावधान है कि वनपाल के शत प्रतिशत पद प्रोन्नति के होंगे. इसी 2014 के वनरक्षी नियुक्ति नियमावली के तहत वर्तमान में कार्यरत सभी वनरक्षियों की नियुक्ति हुई है. झारखंड के वनरक्षी अल्प वेतन भत्ते और बिना किसी विशेष सुविधा के जंगलों की सुरक्षा एवं विकास तथा वन्य प्राणियों की सुरक्षा एवं वन्य प्राणियों से लोगों की सुरक्षा सहित अन्य विभागीय कार्यों के लिये दुर्गम स्थानों पर दिन रात लगे रहते है. इनकी जान-माल की क्षति की संभावना हमेशा बनी रहती है. उनके लिये विशेष सुविधा उपलब्ध कराने के बजाय सरकार ने वनरक्षियों के प्रोन्नति के अवसर को छिनने का कार्य किया है. इसके लिये झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक से कई बाद गुहार लगा चुका है, परंतु किसी भी स्तर से सकारात्मक पहल नहीं की गयी. जिसके बाद सभी वनरक्षी एकमत होकर अपने सभी सरकारी कामकाज को छोड़कर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठने का निर्णय लिया है,
झारखंड सरकार असंवेदनशील व गैर जिम्मेदाराना वक्तव्य से काफी आहत होते हुए कहा कि उन्होने कहा कि उनकी अबकी बार आर पार की लड़ाई होगी.
वहीं पर वनरक्षक महिलाएं नन्हे मुन्ने बच्चों को गोदी में लेकर के धरना पर बैठे हुए हैं क्या कहती हैं लिए मैं सुनाता हूं उनकी दस्ताने हाल।
धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप सेझारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ के संयुक्त मंत्री पंकज पाठक, जोनल मंत्री रौशन सिंह, जोनल अध्यक्ष प्रवीण शुक्ला, जिला मंत्री धीरेन्द्र चौबे, साकेत पाण्डेय सहित शशांक पाण्डेय, पुष्पराज सिंह, शशि कांत कुमार, राजू कुमार, मुकेश मिंज, दीपक मिश्रा, देवेंद्र कुमार देव
सरिता कुमारी ,मनीता कक्षप,मालती स्वासी ,पम्मी कुमारी, दिना शर्मा, रिंकू पांडेय, राजू रजक ,सुनील कुमार, सहित लगभग 700 वनरक्षी मौजूद रहे।