याचिका में महिला कर्मचारी ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपाल को मिली विशेष छूट यानी इम्यूनिटी की वजह मेरी जैसी पीड़िता के लिए का कोई विकल्प नहीं है. ऐसे में उनके पद पर बने रहने तक मेरे ऊपर हुए अत्याचार के मुकदमे के लिए इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.