वकीलों का इंतजार हुआ ख़त्म, वरीय अधिवक्ता बनने की राह हुआ आसान

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 झारखंड हाईकोर्ट में वरीय अधिवक्ता बनने की राह देख रहे वकीलों का इंतजार जल्द खत्म होने की उम्मीद है. हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने महाधिवक्ता, झारखंड स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष और हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन की अध्यक्ष को पत्राचार कर वरीय अधिवक्ता के चयन के लिए फॉर्म जारी करने का निर्देश दिया है. यह फार्म वैसे अधिवक्ता भर सकते हैं जो 10 वर्षों से नियमित प्रेक्टिस कर रहे हैं. वरीय अधिवक्ताओं के चयन के लिए हाईकोर्ट से रूलफ्रेम किया जा चुका है. सारी शर्तों से अधिवक्ताओं को अवगत भी करा दिया गया है. सभी अहर्ताओं एवं शर्तों को पूरा करने वाले अधिवक्ताओं को झारखंड हाई कोर्ट डेजिग्नेटिड सीनियर के रूप में चयनित करेगा. (पढ़ें, HC ने रांची पुलिस की कार्यशैली पर जतायी नाराजगी, SSP को पर्सनल एफिडेविट दायर करने का दिया निर्देश)

लगभग 7 सालों से फुल कोर्ट की बैठक नहीं हो ने हाईकोर्ट में कोई वरीय अधिवक्ता नहीं चुना गया 

बता दें कि साल 2017 के बाद से अब तक फुल कोर्ट की बैठक नहीं हुई है. जिसके कारण लगभग 7 वर्षों से झारखंड हाईकोर्ट का कोई अधिवक्ता वरीय अधिवक्ता के रूप में नहीं चुना गया है. नियमों के मुताबिक, डेजिग्नेटिड सीनियर के रूप में चयनित होने वाले अधिवक्ताओं को अपनी प्रैक्टिस,अपने जूनियर वकीलों की जानकारी और महत्वपूर्ण मुकदमों में उनके द्वारा की गयी पैरवी के अलावा कई बातों की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया गया है. फार्म भरने वाले वकीलों को इस बात की भी जानकारी देनी है कि जिला बार एसोसिएशन या स्टेट बार काउंसिल के में उक्त अधिवक्ता के खिलाफ मिसकंडक्ट या फिर प्रोफेशनल कंडक्ट का कोई आरोप तो नहीं है.

फिलहाल ये हैं झारखंड के वरीय अधिवक्ता

आर एस मजूमदार, राजीव रंजन, ए के अल्लाम, अजित कुमार, आर एन सहाय, बीएम त्रिपाठी, ए के कश्यप, विजय प्रताप सिंह, भौमिक, जय प्रकाश झा, राजीव शर्मा , बिरेन पोद्दार, अनिल कुमार, पीपीएन राय, आरएसपी सिन्हा, एम के लायक और मणि माला पॉल

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