विदेशी तथा स्वदेशी दोनों दुश्मनों के खिलाफ था हुल विद्रोह: अविनाश देव
मेदिनीनगर। आज हुल दिवस है देशी एवं विदेशी शत्रुओं के खिलाफ लड़ा गया युद्ध का दिन। हुल विद्रोह के नायक सिद्धू कानू चांद भैरव व फूलों झांनो के नेतृत्व में अंग्रेजों तथा महाजनों के खिलाफ चार सौ गांव के बीस हजार क्रांतिकारी गोलबंद हुए और 30 जून 1855 को भोगनाडीह में क्रांति के बिगुल फूंक दिए। आज हम उन्हीं छः बलिदानी भाई बहनों को याद कर रहे हैं। अपनी पार्टी झामुमो जिला कार्यालय गए और जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में तस्वीर के सामने शहीद वेदी पर फूल चढ़ा कर नमन किए श्रद्धांजलि दिए। संक्षेप में अपनी बात रखे और शहीदों के सपनों के झारखंड बनाने का संकल्प लिए। हुल जोहार!
