“उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद अवरोध नहीं हटाया गया, न्यायपालिका की चेतावनी जारी”
निचली अदालत से लेकर माननीय उच्च न्यायालय, रांची झारखंड के आदेश का उल्लंघन, आज तक लालगढ़ में नहीं हटा अवरोध
पलामू – न्यायालय के स्पष्ट आदेशों के बावजूद वाद से संबंधित भूमि पर बना अवरोध अब तक नहीं हटाया जाना न्यायिक आदेशों की अवहेलना का गंभीर मामला बनता जा रहा है। यह मामला पलामू जिले के बिश्रामपुर प्रखंड के लालगढ़ ग्राम के खाता संख्या 141, प्लॉट 1371 रकबा 0.01 डिसमिल एवं खाता संख्या 66, प्लॉट संख्या 1372 रकबा 0.01 डिसमिल में बने अवरोध से संबंधित है, जिस पर निचली अदालत से लेकर माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय, रांची झारखंड तक आदेश पारित हो चुके हैं।
प्रकरण में विपक्षीगण इन्देश ओझा (पिता–स्व. रामदीन ओझा), विद्यार्थी ओझा, राम प्यारी ओझा, त्रिभुवन ओझा, त्रिवेणी ओझा एवं राजा ओझा पांचों के पिता–स्व० पुरुषोत्तम ओझा, सभी ग्राम–पोस्ट लालगढ़, थाना–विश्रामपुर, जिला–पलामू के निवासी हैं। इनके विरुद्ध निचली अदालत द्वारा दिनांक 10 मई 2023 को उक्त भूमि से अवरोध हटाने का आदेश पारित किया गया था। इस आदेश के विरुद्ध विपक्षीगण ने माननीय उच्च न्यायालय, रांची, झारखण्ड में क्रिमिनल रिट संख्या 769/2023 दायर की थी, जिसे उच्च न्यायालय ने 6 फरवरी 2025 को खारिज करते हुए निचली अदालत के आदेश को बरकार रखा। जिसके तहत 04 मई 2025 को उच्च न्यायालय के आदेश तथा कार्यपालक दंडाधिकारी सदर, मेदिनीनगर के निर्देश के आलोक में विपक्षीगण को 15 दिनों के भीतर उक्त भूमि से अवरोध हटाने का नोटिस दिया गया था। इसके बावजूद भी विपक्षीगण के द्वारा आदेश का पालन नहीं किया गया। जिसके बाद में दिनांक 13 नवंबर 2025 को अंतिम नोटिस जारी करते हुए 07 दिनों के भीतर अवरोध हटाने का नोटिस दिया गया और यह भी स्पष्ट किया गया कि आदेश की अवहेलना होने पर न्यायालय अपने स्तर से अवरोध हटाएगी। जिसका समस्त खर्च द्वितीय पक्ष से वसूला जाएगा। प्रथम पक्ष के राजेंद्र कुमार ओझा ने बताया इसके बाद भी विपक्षीगण के द्वारा अवरोध नहीं हटाया गया। उक्त विवादित भूमि वर्तमान में त्रिवेणी ओझा के हिस्से में है। जिसमें उनके द्वारा भिन्न भिन्न तरह के अवरोध खड़े कर रास्ता पूरी तरह बाधित रखा गया है और ये न्यायालय के किसी भी आदेश का पालन करने को तैयार नहीं है। यह मामला न्यायिक आदेशों की अवहेलना का भी उदाहरण बनता जा रहा है, जिस पर अब न्यायालय की कड़ी नजर है।

