सुरक्षा के नाम पर असहाय जिला प्रशासन—- अरुणा शंकर
सुरक्षा के नाम पर असहाय जिला प्रशासन—- अरुणा शंकर
आज दिनांक 24 जनवरी 2024 दिन बुधवार को माननीय झारखंड उच्च न्यायालय में श्री धीरेंद्र शास्त्री जी महाराज के पलामू जिले में आयोजित कार्यक्रम की अनुमति से संबंधित याचिका पर आयोजन समिति की संयोजिका सह मेदिनीनगर की प्रथम महापौर अरुणा शंकर के अधिवक्ताओं ने अपना पक्ष रखते हुए सुरक्षा और सुविधाओं के साथ अनुमति देने का आग्रह किया और जिला प्रशासन से सकारात्मक सहयोग की बातें दोहराई।
विदित हो कि पिछले कई सप्ताह से पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी महाराज के कार्यक्रम से संबंधित अनुमति की याचिका राज्य के उच्च न्यायालय में बहस के पटल पर है और पलामू समेत पूरे राज्य की नजर कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है।
आज उसी के निमित्त माननीय माननीय उच्च न्यायालय ने सभी पहलुओं पर विचार विमर्श करते हुए आगामी 29 जनवरी 2024 को फैसले से संबंधित अपना निर्णय सुरक्षित रखा है।
आज के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आयोजन समिति की संयोजिका सह मेदनीनगर की प्रथम महापौर अरुण शंकर ने पुनः उच्च न्यायालय पर भरोसा जताते हुए जिला प्रशासन से सकारात्मक सहयोग की अपेक्षा जताते हुए प्रशासन की ओर से दिए गए हलफनामे पर चिंता प्रकट की है जिसमें कहा गया है कि पलामू जिला प्रशासन के पास सुरक्षा के नाम पर मात्र 7 सौ पुलिसकर्मी प्रतिनियुक्ति है जबकि इतने बड़े कार्यक्रम के आयोजन के लिए करीब 7 हजार पुलिसकर्मियों की आवश्यकता है, अतः ऐसे में पलामू जिला प्रशासन के द्वारा उक्त कार्यक्रम की अनुमति देना संभव नहीं है।
आयोजन समिति की संयोजिका श्रीमती अरुणा शंकर ने प्रशासन द्वारा दिए गए हलफनामे पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि धर्म के नाम पर आयोजित कार्यक्रम में भी प्रशासन असहाय दिख रहा जो जिला प्रशासन के साथ राज्य सरकार के लिए भी हास्यास्पद है।
