सतबरवा के जलसा-ए- दस्तारबंदी में 23 छात्रों को मिली हाफिज की उपाधि, भारत के कई राज्यों के इस्लामिक स्कॉलर हुए शामिल
सतबरवा के जलसा-ए- दस्तारबंदी में 23 छात्रों को मिली हाफिज की उपाधि, भारत के कई राज्यों के इस्लामिक स्कॉलर हुए शामिल
पलामू जिले मुख्यालय अंतर्गत प्रखंड सतबरवा के मस्जिद मुहल्ला में सोमवार की रात मोहसिन इंसानियत कांफ्रेंस जलसा -ए- दस्तारबंदी का आयोजन किया गया। जलसा की शुरुआत कारी इस दौरान मदरसा जियाउल इस्लाम सतबरवा मदरसा के कुरान हिफ्ज पूरा करने वाले 23 छात्रों की पगड़ी बांध कर दस्तारबंदी की गई।
जलसा में मुख्य अतिथि के रूप में इलाहाबाद के काजी मुफ्ती मुजाहिद हुसैन, उड़ीसा से मुफ्ती शहाबुद्दीन शकाफी, नैनीताल उत्तराखंड के गुलफाम रजा हसानी, बिहार भागलपुर के अजमत रजा और पलामू और लातेहार के सभी इमाम मौजूद रहे।
इस मौके पर जलसे को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि मौलाना शहाबुद्दीन शकाफी ने कहा कि कुरान केवल मुसलमान के लिए ही नहीं, दुनिया के इंसानो की रहनुमाई के लिए हैं। अगर जिंदगी और आखिरत में सफल होना चाहते हैं तो कुरान की रस्सी को मजबूती से पकड़ लो। क्योंकि कुरान हर जगह तुम्हारी रहनुमाई करेगा। उन्होंने कहा कि इल्म वह दौलत हैं, जो बांटने से और ज्यादा बढ़ती हैं। यह हमारे लिए अल्लाह का इनाम हैं।
जलसे को खिताब करते इलाहाबाद के काजी मुजाहिद हुसैन ने फरमाया कि हम लोगों को अपने बच्चों को दीनी तालीम के साथ ही दुनियावी तालीम भी हासिल करानी चाहिए। उन्होंने जलसे में मौजूद लोगों से नशे को जड़ से खत्म करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म दूसरे धर्मों को बुरा कहने की इजाजत नहीं देता है। फरमाया कि जब इंसानी समाज में बुराइयां दिखाई देने लगे तो, तब हम लोगो को अल्लाह के गुस्से का शिकार होना पड़ता है। अगर हम लोगों को बेचैनी और परेशानियों से निजात पानी है, तो हम लोगों को समाज में फैली बुराइयों को दूर करना होगा।
इस मौके पर, मौलाना तौफीक आलम मिस्बाही, मौलाना सरफराज रहबर, नौशाद आलम, मो अताउल्लाह, मो सैफुल्लाह, सरफराज आलम, अदनान अशरफ, शाहनवाज खान, रियाजउद्दीन, समीर आलम, मो अनीस, तमशीर, मुजफ्फर, अशफाक, मेराज खान, राजा खान, अरबाज, तालिब, अफजल अंसारी, नासिर, सुफियान, तथा प्रखंड सतबरवा के सभी गांव के सदर, सेक्रेट्री मौजूद थे।
