“समृद्ध और समावेशी झारखंड की ओर विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन11-13 दिसंबर 2025
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ झारखंड के भविष्य के विकास ढांचे पर रणनीतिक चर्चा में शामिल होंगे
रांची : झारखंड राज्य की रजत जयंती बर्ष मनाने के लिए इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट ईस्टर्न रीजनल सेंटर (आईएचडी-ईआरसी) और श्री कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (स्किपा), झारखंड सरकार, संयुक्त रुप से समृद्ध और समावेशी झारखंड की ओर विषय पर आधारित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन (इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस) का आयोजन 11-13 दिसंबर 2025 तक स्किपा, रांची विश्वविद्यालय परिसर मोराबादी में कर रहे हैं। इस सम्मलेन (कॉन्फ्रेंस) में भारत और विदेश से जाने-माने विद्वान, नीति निर्माता, सरकारी अधिकारी, इंडस्ट्री लीडर्स, मीडिया प्रतिनिधि और सिविल सोसाइटी के सदस्यों सहित लगभग 200 लोग शामिल होंगे। इसकी कार्यवाही और मुख्य बातें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाई जाएंगी। इस सम्मलेन (कॉन्फ्रेंस) की अहमियत इसमें शामिल होने वाले लोगों की संख्या और उनकी खासियत से पता चलती है, जिसमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर (नेशनल और इंटरनेशनल लेवल) के विद्वानों (स्कॉलर्स) के साथ ही जमीनी स्तर के शोधकर्ता और कार्यकर्ता भी हैं। सम्मलेन (कांफ्रेंस) के कुछ प्रमुख प्रतिभागी इस प्रकार हैं: एस. महेंद्र देव (प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष): मोंटेक सिंह अहलूवालिया (योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष), रमेश चांद (नीति आयोग के सदस्य); नित्या राव (प्रोफेसर, यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एग्लिया, यूके), सतीश मिश्रा (कार्यकारी निदेशक, अर्थशास्त्र संस्थान, बाली); जोसेफ मारियानस कुजूर एस.जे (निदेशक, xiss, रांची), ज्यां द्रेज (विज़िटिंग प्रोफेसर, रांची यूनिवर्सिटी), और जासिंता केरकेट्टा (आदिवासी कवि, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता । इसके अतिरिक्त झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सम्मलेन का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया गया है।सम्मलेन का उद्देश्य “झारखंड के विकास यात्रा की समीक्षा करना, चुनौतियों और अंतरालों को पहचान करना तथा एक अधिक समावेशी, न्यायसंगत और सतत भविष्य की रुपरेखा तैयार करना है।” इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट , नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर अलख शर्मा, जिन्होंने इस आयोजन की कल्पना की, ने इसे “झारखंड के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में वर्णित किया है। उन्होंने यह भी बताया कि सम्मलेन झारखंड के विकास के विभिन्न परस्पर जुड़े आयामों अलग-अलग लेकिन आपस में जुड़े पहलुओं पर मिलकर चर्चा करना है जैसे कि आर्थिक विकास, शिक्षा में प्रगति, सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार, प्राकृतिक और मानवीय संसाधनों का बेहतर उपयोग तथा वंचितों की सहभागिता को मज़बूत करने पर सामूहिक चिंतन को बढ़ावा देना है। सम्मलेन के मुख्य उद्देश्य झारखंड के 25 साल के सफर की समीक्षा करना; प्रमुख विकास क्षेत्रों में हुई प्रगति का आकलन करना; चुनौतियों और असमानताओं की पहचान करना; अगले 25 सालों के लिए एक रोडमैप तैयार करना, और अलग-अलग हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना।
सम्मलेन के मुख्य विषय
आर्थिक विकास,सामाजिक विकास
आजीविका स्थापित की इंफ्रास्ट्रक्बर और शहरी विकासः पर्यावरणीय स्थिरता
शासन और नीति सुधार, औरnविजन 2050b”जैसे ही झारखंड 25 साल पूरे कर रहा है, यह प्लेटफॉर्म अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स को एक साथ लाता है ताकि राज्य की यात्रा पर ईमानदारी से विचार किया जा सके और मिलकर एक अधिक समावेशी, न्यायसंगत और टिकाऊ भविष्य बनाया जा सके।”डॉ. श्रीरंजन, आईएएस (सेवानिवृत) और संयुक्त निदेशक, आईएचडी ने इस बात पर जोर दिया।nझारखंड की समृद्ध और जीवंत कला और साहित्यिक विरासत को पहचानते हुए, यह इवेंट 10 दिसंबर को एक सम्मेलन से पहले का कार्यक्रम (प्री-कॉन्फ्रेंस इवेंट) के साथ शुरू होगा। इस कार्यक्रम, “रस अरण्यः झारखंड के साहित्य और कला का उत्सव,” में झारखंड की सांस्कृतिक समृद्धि का जश्न मनाने के लिए गीत-संगीत, नृत्य, कविता सत्र, कला प्रदर्शनियां और अन्य तरीके शामिल होंगे.

