संगीत के क्षेत्र में ज्योत्सना बनर्जी को किया गया सम्मानित

बंगाली समाज ने रविन्द्र जयंती मनाया
संगीत के क्षेत्र में ज्योत्सना बनर्जी को सम्मानित किया गया
प्रतिनिधि, मेदिनीनगर : पलामू के बंगाली समाज द्वारा संचालित दो संस्था बंगीय दुर्गा बाड़ी व बंगाली समिति के तत्वावधान में शुक्रवार की रात कविगुरु रविंद्रनाथ टैगोर की जयंती मनाई गई. यह कार्यक्रम दुर्गा बाड़ी में प्रशाल में आयोजित किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत टैगोर की तस्वीर पर माल्यार्पण के साथ किया गया. डॉ कौशिक मल्लिक, ज्योत्सना बनर्जी, शौभिक दत्ता, सैकत चटर्जी, देवाशीष सेनगुप्ता, सूजन राय आदि ने संयुक्त रूप से माल्यार्पण किया. इस अवसर पर डॉ कौशिक मल्लिक ने कहा कविगुरु रविंद्रनाथ टैगोर की जिंदगी संस्कृति और साहित्य के लिए समर्पित थी. उन्होंने देश को न सिर साहित्य दिया बल्कि शिक्षा के लिए शांतिनिकेतन जैसे प्रतिष्ठान भी दिए. उन्होंने कहा की आज जब देश युद्ध की स्थिति का सामना कर रहा है तो टैगोर और भी प्रासंगिक हो जाते है. हमारा राष्ट्रगान के रचयिता भी वे ही थे, उन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में नाईटहुड की उपाधि त्याग दी थी. महात्मा गांधी से भी उनके काफी नजदीकी थी. उन्होंने घोषणा की कि आज का यह कार्यक्रम सरहद पर युद्ध में शामिल देश के जवानों के जज्बात, समर्पण और बलिदान को समर्पित है. इस अवसर पर बंगाली समिति के द्वारा ज्योत्सना बनर्जी को संगीत के क्षेत्र में उनके समर्पण के लिए स्वर्गीय चित्तरंजन दास स्मृति सुरश्री सम्मान से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का पहला रविंद्रसंगीत आनोंदो धारा बोहिछे भूबोने भी श्रीमती बनर्जी ने ही प्रस्तुत किया. इस अवसर पर सूजन राय ने दो रविन्द्र संगीत एकतुकू छोया लागे और आमार बेला जे जाय प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. शोंपा बनर्जी ने कविता पाठ किया. तमन्ना मल्लिक, सौंपा बनर्जी और सोनाली पॉल ने नृत्य नाटिका चित्रांगदा प्रस्तुत किया. अरुणिमा सान्याल, संजना मोइत्रा, सृजित दास, सृष्टि पाल ने रविद्र नृत्य प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का संचालन सैकत चटर्जी और अर्पिता दाशगुप्त ने किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में गौतम बोस , गौतम घोष, शैबाल बोराल, गौरांग सेनगुप्ता , शिवेश मोइत्रा, अमर भांजा का सराहनीय योगदान रहा.
